5 साल पहले सेक्स रैकेट (sex racket) के खुलासे से खुद की पीठ थपथपाने वाली यूपी पुलिस की टीम झूठे खुलासे के आरोप में घिर गई है। हाईकोर्ट के दखल से शुरू हुई जांच के बाद सीबीसीआईडी ने पूर्व सीओ समेत 10 पुलिसकर्मियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई है। सीओ रिटायर हो चुके हैं।
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ये है पूरा मामला..
दरअसल उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले का है। यहां 5 मई 2015 को गजरौला में हाइवे स्थित एक होटल पर मंडी धनौरा के तत्कालीन सीओ एसपी मोहन लाल ने पुलिस पार्टी के साथ छापा मारा था। होटल मालिक के मामा एयरफोर्स से सेवानिवृत्त फ्लाइंग ऑफिसर थे। पुलिस ने फ्लाइंग ऑफिसर समेत होटल से 13 लोगों को अरेस्ट किया था।
इसमें कई लड़कियां भी थीं। पुलिस का दावा था कि सब देह व्यापार (sex racket) में संलिप्त थे। उनका चालान भी देह व्यापार (sex racket) के आरोप में किया था। अदालत में पेश कर जेल भिजवाया गया था। वहीं पुलिस कार्रवाई के खिलाफ होटल प्रबंधन हाई कोर्ट गया और याचिका डाली।
सीबीसीआईडी कर रही थी मामले की जांच
हाई कोर्ट ने दिसंबर 2015 में इस प्रकरण की जांच सीबीसीआईडी को सौंप दी। तब से जांच चल रही थी। जांच में पुलिसकर्मियों को दोषी माना गया। इसके बाद सीबीसीआईडी बरेली क्राइम ब्रांच शाखा के इंस्पेक्टर होशियार सिंह की तहरीर पर गजरौला थाने में तत्कालीन सीओ समेत 10 पुलिसकर्मियों के खिलाफ बिना साक्ष्य होटल प्रबंधन और ग्राहकों को गिरफ्तार करने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया।
अमरोहा पुलिस के मुताबिक, पूर्व सीओ समेत 10 पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर लिखी गई हैं। आगे की जांच सीबीसीआईडी ही करेगी।
इन पर फर्जी केस में फंसाकर उत्पीड़न करने का आरोप
मंडी धनौरा तत्कालीन सीओ मोहन लाल, थाना गजरौला में तैनात तत्कालीन दारोगा विजय कुमार यादव, नीरज कुमार, आरसी वर्मा, सिपाही सुरेश कुमार, हिम्मत सिंह, कृष्णपाल सिंह, मोनू तोमर, संध्या त्यागी और रितु ढाका के खिलाफ देह व्यापार के आरोप में फर्जी केस में फंसाकर उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था और जांच कराने की गांग की गयी थी ।
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