उत्तर प्रदेश की योगी सरकार होने वाले यूपी पंचायत चुनावों में उम्मीदवारों की न्यूनतम शैक्षिक योग्यता अनिवार्य कर सकती है। इसके साथ ही यूपी सरकार ग्राम पंचायत चुनाव में महिला और आरक्षित वर्ग के लिए न्यूनतम 8वीं पास शैक्षिक योग्यता तय कर सकती है।
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इसके अलावा दो से ज्यादा बच्चों वाले दावेदारों को भी पंचायत चुनाव में झटका लग सकता है। सूत्रों की माने तो यूपी सरकार दो से अधिक बच्चे वाले महिला-पुरुष उम्मीदवार के चुनाव लड़ने पर रोक लगा सकती है।
यूपी की योगी सरकार ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के चुनावों को लेकर उम्मीदवारी को लेकर बड़े बदलाव कर सकती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदेश सरकार पंचायती राज अधिनियम में एक संशोधन भी ला सकती है। इसके तहत दो से अधिक बच्चों वाले उम्मीदवारों को पंचायत चुनाव में अयोग्य घोषित किया जा सकता है।
जानकारी के मुताबिक, सरकार पंचायत चुनावों के लिए उम्मीदवारों की न्यूनतम शैक्षिक योग्यता भी तय कर सकती है। ग्राम पंचायत चुनाव में महिला और आरक्षित वर्ग के लिए न्यूनतम 8वीं पास शैक्षिक योग्यता हो सकती है। हालांकि सरकार को इस प्रस्ताव के चलते कड़ी आपत्तियों का सामना करना पड़ रहा है। राजस्थान, हरियाणा और उत्तराखंड जैसे राज्य पहले ही इस मॉडल को सफलतापूर्वक लागू कर चुके हैं।
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संजीव बालियान ने सीएम योगी को लिखी थी चिट्ठी-
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि यूपी सरकार के इस प्रस्ताव से चुनाव लड़ने के लिए विशेषकर समाज के निचले तबके के उम्मीदवारों की एक बड़ी संख्या को रोका जा सकता है। क्योंकि निचले तबके में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर कोई जागरूकता नहीं है। कुछ दिनों पहले बीजेपी के सांसद और केंद्रीय राज्यमंत्री संजीव बालियान ने उत्तर प्रदेश की सरकार से अपील की थी कि पंचायत चुनाव में उन लोगों को न लड़ने दिया जाए, जिनके दो से ज्यादा बच्चे हैं। इसके लिए उन्होंने उत्तराखंड के नियमों का भी जिक्र किया था। संजीव बालियान ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को एक चिट्ठी भी लिखी थी।