उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव के परिणाम में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की आंधी में विपक्ष का सूपड़ा साफ हो गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा निकाय चुनाव के दौरान किये गये ताबड़तोड़ जनसभाओं का असर परिणाम में देखने को मिल रहा है। यूपी की 17 मेयर सीटों पर भाजपा ने सभी सीटों को पीछे छोड़ दिया है। कुछ सीटों के परिणाम भी सामने आ गये हैं जिनमें झांसी, गाजियाबाद, अयोध्या, बरेली और गोरखपुर में भाजपा का परचम लहराया है। झांसी में बिहारी लाल आर्य, अयोध्या में महंत गिरीश पति त्रिपाठी, गाजियाबाद में सुनीता दयाल, बरेली में उमेश गौतम, गोरखपुर में मंगलेश श्रीवास्तव ने मेयर सीट पर कब्जा कर लिया है।
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वर्ष 2017 में हुए निकाय चुनाव में भाजपा ने नगर निगम की 16 सीटों में से 14 पर कब्जा किया था। उस बार अलीगढ़ और मेरठ नगर निगम की सीटें बहुजन समाज पार्टी की खाते में गई थीं। इस बार निकाय चुनाव में शाहजहांपुर के नगर निगम बनने से महापौर सीटों की संख्या 17 हो गई। भाजपा क्लीन स्वीप करते हुए नगर निगम की सभी 17 सीटों को जीतने में सफल रही। बसपा, सपा और कांग्रेस सहित अन्य दल खाता खोलने को तरसते रह गये।
आगरा के मेयर चुनाव में भाजपा सुबह से पीछे चल रही थी लेकिन दसवें राउंड की गिनती के बाद बहुजन समाज पार्टी की लता वाल्मीकि अचानक पिछड़ गईं। भाजपा की हेमलता दिवाकर कुशवाहा 2000 वोट से आगे चल रही हैं। मेयर चुनाव में मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी का खाता भी नहीं खुला। इसी तरह नगरपालिका चेयरमैन के 199 सीटों के चुनाव में 98 पर बीजेपी, 59 सपा, 19 बसपा, कांग्रेस 7 और 16 पर अन्य उम्मीदवार आगे चल रहे हैं। नगर पंचायत के 544 चेयरमैन पद के चुनाव में भाजपा अध्यक्ष प्रत्याशी 204, सपा 171, बसपा का 51, कांग्रेस का 44 और अन्य 74 शहर में आगे चल रहे हैं।
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