उत्तर प्रदेश के 25 जिलों में नौकरी करने के खुलासे के बाद मीडिया की सुर्खियां में आई फर्जी टीचर अनामिका शुक्ला मामले में रोज नए-नए खुलासे होते जा रहे हैं। अब इस केस में नया मोड़ आ गया है। गोंडा जिले की रहने वाली असली अनामिका शुक्ला सामने आ गई है।
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बीएसए आफिस पहुंची अनामिका ने कई चौकाने वाले खुलासे किये। जिसके बाद से शिक्षा विभाग में खलबली मच गई और अधिकारियों पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए है।
दरअसल गोंडा के बीएसए डॉ. इन्द्रजीत प्रजापति के सामने पेश होकर असली अनामिका शुक्ला ने बताया कि वर्ष 2017 में नौकरी के लिए आवेदन जरूर किया था मगर उसका बच्चा छोटा होने की वजह से उसने नौकरी ज्वाइन ही नहीं की थी। बीएसए ने बताया कि अनामिका शुक्ला की ओर से इस आशय का शपथ पत्र दिया गया है कि उसके शैक्षिक अभिलेखों को फर्जी ढंग से इस्तेमाल किया गया।
मुकदमा दर्ज करने की दी तहरीर
अनामिका ने अपने शैक्षिक अभिलेख का फर्जी दुरुपयोग कर नौकरी हथियाने वालों पर केस चलाए जाने की तहरीर नगर कोतवाली में दी है। फिलहाल रिपोर्ट दर्ज कर आगे की कर्रवाई की जाएगी।
बता दें कि अनामिका शुक्ला ने वर्ष 2007 में हाई स्कूल की परीक्षा कस्तूरबा बालिका इण्टर कॉलेज से पास की थी। इण्टरमीडिएट की परीक्षा उसने वर्ष 2009 में पास बेनी माधव जंग बहादुर इण्टरकॉलेज से किया था जिसमें उसे 78.6 फीसदी अंक अर्जित हुए। स्नातक 2012 उसके बाद स्नातकोत्तर अम्बेडकर नगर से वर्ष 2014 में किया। जिसमें उसे 76.5 प्रतिशत अंक मिले।
वहीं टीईटी की परीक्षा उसने 2015 में दी जिसमें वो 60 फीसदी अंको से पास हुई थी। हालांकि वर्ष 2017 में नौकरी के लिए आवेदन जरूर किया था लेकिन बच्चा छोटा होने की कारण से उसने नौकरी ज्वाइन ही नहीं की थी। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है।
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