लखनऊ: बाल श्रम के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति पर कार्य कर रही UP योगी सरकार ने आज ‘बाल श्रमिक विद्या योजना’ की शुरुआत कर प्रदेश के कामकाजी बच्चों को बड़ी सौगात दी है।
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बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर सरकार ने इस योजना के माध्यम से बाल श्रम उन्मूलन की दिशा में निर्णायक कदम उठाया ।
इन पांच श्रेणियों के 8 से 18 वर्ष के बच्चों को सरकार देगी स्कालरशिप:
1. वे बच्चे, जो अनाथ हैं,
2. वे बच्चे जिनके माता-पिता दिव्यांग हैं,
3. वे बच्चे जिनके पिता की मृत्यु हो गई हैं ,
4. वे बच्चे जिनके माता-पिता में कोई एक या दोनों किसी गम्भीर बीमारी से ग्रसित हैं
5. वे बच्चे जिनके माता -पिता भूमिहीन हैं।
इन बच्चों को इन पांच स्थितियों के कारण बनना पड़ता था बाल श्रमिक।
पहले चरण में इस योजना में शामिल किए जाएंगे 2000 बच्चे:
पहले चरण में प्रदेश के वे 57 जिले इस योजना में शामिल किए जाएंगे जहां अपेक्षाकृत अधिक बाल श्रमिक हैं।
इस योजना के तहत हर महीने दिया जाएगा मानधन
बालकों को दिया जाएगा 1000 रुपए और बालिकाओं को 1200 रुपए प्रतिमाह
अगर बच्चे 8वीं, 9वीं और 10वीं कक्षा के छात्र हैं तो उन्हें हर साल मिलेगी 6000 रुपए की प्रोत्साहन राशि भी।
इसके साथ ही इन बच्चों को उन सभी स्काॅलशिप योजनाओं का लाभ भी मिलेगा जो सरकार द्वारा सामान्य छात्र/छात्राओं के लिए चलायी जा रही हैं।
उपर्युक्त पांचों कैटेगरीज के बाल श्रमिकों के माता-पिता को दिया जाएगा सभी तरह की UP सरकारी योजनाओं का लाभ जैसे- विधवा पेंशन, दिव्यांग पेंशन, वृद्धावस्था पेंशन, राशन काॅर्ड, आवास सुविधा, बीमा का लाभ…आदि।
रजिस्टर्ड श्रमिकों के बच्चों और इन पांच श्रेणियों के बच्चों के लिए प्रदेश के सभी 18 मंडलों में बनेगा एक-एक अटल आवासीय विद्यालय:
UP अटल आवासीय विद्यालयों में बच्चों के रहने और खाने के साथ-साथ पढ़ाई की होगी अत्याधुनिक व्यवस्था।
मोटे तौर इस पैटर्न पर होगी अटल आवासीय विद्यालयों में पढ़ाई-
जो बच्चे पढ़ने में अच्छे हैं उन्हें पढ़ाई में प्रोत्साहन दिया जाएगा।
जो बच्चे पढ़ने में कम रुचि रखते हैं लेकिन खेल में अधिक उन्हें दी जाएगी स्पोर्ट की शिक्षा
जो पढ़ाई और खेल में, दोनों में ही रुचि नहीं रखते हैं उन्हें स्किल डिवेलपमेंट के साथ-साथ व्यवसायिक शिक्षा दी जाएगी।