लखनऊ — यूपी की बोर्ड की परीक्षाएं मंगलवार से शुरु हो चुकी है।वहीं शांति पूर्वक परीक्षाओं को करने का दावा करने वाला यूपी बोर्ड इंटरमीडिएट सामान्य हिंदी की पहली परीक्षा में ही फेल हो गया। बोर्ड की ओर से परीक्षा में पहले प्रश्नपत्र सामान्य हिंदी का पहला सवाल ही गलत पूछा गया। बोर्ड की ओर से इंटरमीडिएट विज्ञान वर्ग के छात्रों के लिए सामान्य हिंदी के प्रश्नपत्र कोड 302 (जेडजे) के पहले प्रश्न ‘कल्पलता’ के लेखक के चार विकल्पों में महावीर प्रसाद द्विवेदी, प्रो. जे सुंदर रेड्डी, वासुदेव शरण अग्रवाल एवं प्रेमचंद में से कोई विकल्प सही नहीं था।
प्रश्नपत्र में पूछे गए सवाल में चारों विकल्प के नहीं मिलने से परीक्षार्थी परेशान हुए।इंटरमीडिएट हिंदी की विशेषज्ञ का कहना है कि ‘कल्पलता’ के लेखक हजारी प्रसाद द्विवेदी हैं, जो विकल्प में नहीं है। उनका कहना है कि प्रो. जे सुंदर रेड्डी एवं प्रेमचंद की इस प्रकार की कोई रचना नहीं है। वासुदेव शरण अग्रवाल ने कल्पवृक्ष निबंध लिखा है, कल्पलता नहीं।
हिंदी का पहला पेपर रहा आसान
यूपी बोर्ड परीक्षा के पहले दिन परीक्षार्थियों ने जितने तनाव के साथ क्लास रूम में प्रवेश किया था, परीक्षा देने के बाद वह उतने ही खुश नजर आए। आसान प्रश्न पत्र देकर परीक्षार्थियों ने राहत की सांस ली। हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के पहले दिन हिंदी अनिवार्य विषय की परीक्षा थी। प्रश्न पत्र देखते ही परीक्षार्थियों के चेहरे खिल उठे। हाईस्कूल में गद्य, पद्य और संस्कृत के पहले ही चैप्टर से व्याख्या पूछी गई। इंटरमीडिएट का प्रश्नपत्र भी आसान रहा।
गौरतलब है कि परीक्षा के पहले दिन पहली पाली में हाईस्कूल हिंदी एवं दूसरी पाली में इंटरमीडिएट हिंदी का प्रश्नपत्र था। अनिवार्य विषय के कारण परीक्षा केंद्रों पर भारी भीड़ रही। प्रदेश सरकार की ओर से परीक्षा में सख्त सुरक्षा के आदेश के बाद भी परीक्षा केंद्रों पर सुरक्षा कर्मी गायब दिखाई पड़े। कुछ परीक्षा केंद्रों पर नियुक्त स्टेटिक मजिस्ट्रेट गायब रहे।