सदन के नेता व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शीतकालीन सत्र में अनुपूरक बजट पर विपक्षी दल के नेता पर शायराना अंदाज में हमला बोलते हुए कहा कि उनकी जुबान का जादू बहुत खूबसूरत है, वो आग के दरियाओं की बात करते हैं। जो रातों को बेख़ौफ़ होकर लूटते थे बस्तियाँ, वही हश्र। चलिए हत्याओं की बात करते हैं। मुझे अफसोस हो रहा था कि आजकल विपक्षी दलों के नेता लीक से हटकर बोलने के आदी हो गए हैं।
नेता सदन सीएम योगी ने विपक्ष पर साधा निशाना
नेता सदन सीएम योगी ने कहा- 2017 से पहले यूपी अराजकता, गुंडागर्दी और भ्रष्टाचार का प्रदेश बन गया था। वर्ष 2017 में यूपी को लेकर लोगों की धारणा बदली, अब लोग इसे सम्मान की दृष्टि से देख रहे हैं। यह बीमारी सिर्फ यहीं नहीं आई है, जो बीमारी बिहार में देखी जा रही है वही यहां भी देखने को मिल रही है। पिछले 6-7 वर्षों में यूपी विधानमंडल में चर्चा का माहौल बना है। वर्ष 2022 के बाद सकारात्मक पहल की गयी है। इसमें विरोधी पक्ष के लोग काफी तैयारी करके आना चाहते हैं। भगवान न करे वह हमेशा विपक्ष में बैठें।
सदन के नेता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष 2012 से 2017 के बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। वह कई बार सांसद भी रहे हैं। ऐसे में उन्हें अनुपूरक मांग के बारे में थोड़ा और जानना चाहिए था। वर्ष 2017 से पहले उत्तर प्रदेश अराजकता, गुंडागर्दी, भ्रष्टाचार, अराजकता और पहचान के संकट का प्रदेश बन गया था। वहीं, साल 2017 के बाद यूपी डबल इंजन की ताकत के साथ आगे बढ़ रहा है। आज यूपी के बारे में लोगों की धारणा बदल गई है।
लोग उन्हें सम्मान की दृष्टि से देखते हैं। ये नए भारत का नया यूपी है। जिस तरह दुनिया में भारत के प्रति नजरिया बदला है, उसी तरह देश में यूपी के प्रति लोगों की धारणा बदली है। यही बदली हुई धारणा यूपी की सबसे बड़ी पहचान है। सरकार एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लिए पूरी प्रतिबद्धता से काम कर रही है। इससे विपक्षी दल के लोगों को खुश होना चाहिए, क्योंकि राज्य आगे बढ़ेगा तो इसका फायदा हर व्यक्ति को होगा।
नेता सदन सीएम योगी ने कहा कि 2016-17 में राज्य का कर राजस्व 86 हजार करोड़ रुपये था। 2021-22 में इसे बढ़ाकर 1.5 लाख करोड़ रुपये करने में सफलता मिली है। 2016-17 में प्रदेश में स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन में लगभग 11 हजार करोड़ रूपये प्राप्त हुए थे, आज 2016-24 में यह बढ़कर 34 हजार करोड़ रूपये हो गया है।
वैट और टैक्स के आधार पर जहां वर्ष 2016-17 में बिक्री कर 49 हजार करोड़ रुपये था, वहीं आज यह 1।5 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच रहा है। वर्ष 2016-17 में राज्य उत्पाद शुल्क में कुल 14 हजार करोड़ रुपये प्राप्त हुए, जो आज 58 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच रहा है। पहले परिवहन में 5 हजार करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होता था, जबकि अब 12 हजार करोड़ रुपये से अधिक प्राप्त हुआ है।
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