यूँ तो उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री की सहृदयता की मिसाल अक्सर देखने को मिल जाती है । उसी क्रम में मौजूदा समय में यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के ‘आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश अभियान’ से प्रदेश के कई जरुरतमंदो को सहायता भी मिली है।
इसी के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस आत्मनिर्भरता के आवाहन पर समाज का सबसे पिछड़ा तबका भी खुद को आत्मनिर्भर बनाने में सक्षम हो रहा है।
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75 वर्षीय शांतिदेवी के पराठे का लगा स्टॉल
इसी क्रम में में आज एक और मिसाल जुड़ गई , जब हाथरस में बुजुर्ग 75 वर्षीय शांतिदेवी के पराठे का स्टॉल मुख्यमंत्री कार्यालय के संज्ञान से साकार हुआ।
दरअसल 75 वर्षीया शांतिदेवी कभी सड़क पर पैदल चलकर बथुए का साग बेचती थीं जो मिल जाता था उसी से जीवन बिताती थीं । बेटी के साथ रहती थीं। लेकिन सोशल मीडिया पर उनके वीडियो को सीएम योगी ने संज्ञान लिया। जिसके बाद अम्मा के वही बथुए का साग “अम्मा के पराठे” के स्टॉल में बदल गया।
सीएम ने करवाई रोजगार व्यवस्था
बता दें कि जब बुजुर्ग शांति देवी की लाचारी की कहानी जब सीएम योगी को पता चली तो मुख्यमंत्री ने तत्काल हाथरस जिला प्रशासन को निर्दश देते हुए सहायता करने के आदेश दिए। हाथरस जिला प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए शांतिदेवी के लिए मकान, राशनकार्ड के साथ उनके रोजगार के लिए भी व्यवस्था करवाई ।
हाथरस डीएम और एसडीएम प्रेम प्रकाश मीणा ने स्वयंसहायता संस्थाओं के सहयोग से शांतिदेवी के लिए ओढ़पुरा में दुकान की व्यवस्था भी करवाई , अब शांतिदेवी ठेले पर नहीं खुद के दुकान में “अम्मा के पराठे” के नाम से अपना रोजगार शुरू करके स्वावलम्बी बन गई हैं।
डीएम ने किया उद्घाटन
वहीं दुकान के उद्घाटन के मौके पर अम्मा ने अपनी बात कहते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के माध्यम से उन्हें आज उन्हें अपना रोजगार शुरू करने में सहायता मिली है। जिसके लिए अम्मा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बधाई और धन्यवाद भी दिया।
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