उत्तर प्रदेश में निजीकरण के खिलाफ बिजलीकर्मियों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी है. इसी के चलते पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में अंधेरा छा गया. प्रशासन की ओर से बिजली सप्लाई के वैकल्पिक इंतजाम किए गए लेकिन यह सभी इंतजाम नाकाफी साबित हुए.
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हड़ताल आज भी जारी…
दरअसल उत्तर प्रदेश में अचानक पैदा हुए इस बिजली संकट की वजह निजीकरण के खिलाफ बिजली कर्मचारियों की हड़ताल है. इसके खिलाफ बिजली कर्मचारियों ने सोमवार को यूपी में पूरे दिन कार्य बहिष्कार किया. राजधानी लखनऊ से लेकर प्रयागराज, गोरखपुर, मुरादाबाद से लेकर अमेठी तक यूपी में कई इलाकों में कल बिजली कर्मचारियों ने एक दिन की हड़ताल थी जो मंगलवार को भी जारी रही.
ये प्रदर्शन यूपी सरकार द्वारा पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के निजीकरण के फैसले के खिलाफ हो रहा है. टकराव टालने के लिए सरकार और बिजली कर्मचारियों के बीच बातचीत भी हो चुकी है.लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. बिजली कर्मचारियों की अपर मुख्य सचिव ऊर्जा के साथ दो दिन दो दौर की बातचीत हो चुकी है.
प्रशासन पूरी तरह अलर्ट…
गौरतलब है कि प्रदेश सरकार द्वारा पॉवर कारपोरेशन का निजीकरण किए जाने के विरोध में विद्युतकर्मी सोमवार से आंदोलन कर रहे हैं.कर्मचारियों का कहना है कि निजीकरण के विरोध में आंदोलन जारी रहेगा. वहीं विद्युतकर्मियों की हड़ताल के मद्देनजर प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है.
संविदाकर्मी और सहायकों की मदद से विद्युत आपूर्ति की जा रही है.फिलहाल सीएम योगी इस मसले पर अपनी नजर बनाए हुए है. जबकि कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार को देखते हुए ऊर्जा विभाग की बड़ी बैठक तलब कर ली है.
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