यूक्रेन पर रूस के हमले को 54 दिन हो गए हैं। रूस की सेना लगातार हमले कर रही है और यूक्रेन की सेना बचाव की हर संभव कोशिश में जुटी है। यूक्रेन के प्रमुख शहर कीव और मारियुपोल पर कब्जे का दावा करने के बाद रूसी सेना ने एक अन्य यूक्रेनी शहर लवीव को निशाना बनाया है। वहां लगातार धमाके किये जा रहे हैं।
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रूसी सेना ने रविवार को मारियुपोल पर कब्जे का दावा किया था। हालांकि यूक्रेनी सेना ने रूसी सैनिकों से लगातार मोर्चा लेने और उनका कब्जा न होने देने की बात कही थी। अब क्रीमिया के एक मानव अधिकार समूह ने आरोप लगाया है कि रूस के सैनिक मारियुपोल से 150 बच्चों को जबरन उठा ले गए हैं। कहा गया है कि ये बच्चे अनाथ नहीं थे, फिर भी इन्हें अस्पतालों से ले जाया गया है। दावा किया गया है कि रूसी सैनिक बच्चों को किसी अज्ञात स्थान पर ले गए हैं और वहां उनका शोषण हो सकता है।
रूसी मिसाइलें लगातार कर रही हमले
इस बीच मारियुपोल के बाद रूस की सेना ने अब यूक्रेन के शहर लवीव को निशाना बनाया है। वहां रूसी मिसाइलें लगातार हमले कर रही हैं। लवीव में सोमवार को एक साथ पांच तेज धमाके सुने गए। इसके अलावा कई अन्य स्थानों पर भी धमाकों की आवाज सुनाई दे रही है। इन 54 दिनों में रूस ने यूक्रेन के लगभग हर शहर पर हमला किया है। जान बचाने के लिए अब तक यूक्रेन के 50 लाख से अधिक नागरिक अपना देश छोड़ चुके हैं। इनमें से 28 लाख लोग पोलैंड में प्रवेश कर चुके हैं, जबकि पांच लाख यूक्रेनी नागरिकों ने हंगरी में शरण ली है। इसके अलावा साढ़े सात लाख लोग यूक्रेन छोड़कर रोमानिया में प्रवेश कर चुके हैं।
बता दें कि इस शहर की चर्चा इस वजह से भी ज्यादा हो रही है, क्योंकि यह पोलैंड सीमा से महज 60 किलोमीटर (40 मील) की दूरी पर स्थित है। वहीं पौलेंड नाटो सदस्य है और इसके करीब भयानक हमला होना कई कयासों को जन्म दे रहा है। पौलेंड में अभी यूक्रेन से निकले लाखों लोग शरण ले रखे हैं। इस वजह से उन लोगों में भी डर का माहौल है। साथ ही जो यूक्रेन का जो पश्चिमी हिस्सा रूस के हमले से ज्यादा प्रभावित नहीं हुआ था, वो भी नहीं बचा है।
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