कार्तिक माह में सर्दी का मौसम शुरू होने के बाद बाबा महाकाल की दिनचर्या में भी परिवर्तन हो जाएगा। मंदिर में रोज होने वाली भगवान महाकाल की आरती के समय में कार्तिक कृष्ण प्रतिपदा 21 अक्टूबर से परिवर्तन हो जाएगा। यह व्यवस्था कार्तिक कृष्ण प्रतिपदा से फाल्गुन पूर्णिमा तक रहेगी।
ये भी पढ़ें..शादीशुदा शख्स ने मुख्यमंत्री विवाह योजना का लाभ लेने के लिए अपनी ही साली से रचाई शादी
मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़ ने बताया कि प्रातः काल होने वाली आरती 7.30 से 8.15 तक, भोग आरती प्रातः 10.30 से 11.15 तक एव संध्या आरती सायं 6.30 से 7.15 बजे तक होगी। उन्होने बताया कि भस्मार्ती प्रातः 4 से 6 बजे तक, सायंकालीन पूजन सायं 5 से 5.45 तक एवं शयन आरती रात्रि 10.30 से 11 बजे तक अपने निर्धारित समय पर ही होगी। श्री धाकड़ ने बताया कि इस वर्ष मंदिर में भगवान धन्वंतरि का पूजन 2 नवंबर, कार्तिक कृष्ण द्वादशी (भोम प्रदोष) को होगा। उस दिन भगवान का विशेष अभिषेक पूजन किया जाएगा।
4 नवंबर से गर्म जल से होगा स्नान
श्री धाकड़ ने बताया कि रूप चतुर्दशी 4 नवंबर को मनाई जाएगी। इस दिन तड़के भगवान को अभ्यंग स्नान करवाया जाएगा। इसी दिन से बाबा को शीत ऋतु प्रारंभ होने के चलते गर्म पानी से प्रतिदिन स्नान करवाया जाएगा। यह क्रम फाल्गुन शुल्क पूर्णिमा तक चलेगा। इसके बाद पुनः ठण्डे पानी से स्नान करवाया जाएगा। रूप चतुर्दशी को प्रातः 7.30 बजे भगवान को अन्नकूट भोग लगाया जाएगा। 5 नवंबर को गोवर्धन पूजा होगी।
ये भी पढ़ें..आर्यन की गिरफ़्तारी से टूट गए हैं शाहरुख खान, हालत हुई खराब
ये भी पढ़ें..पॉर्न फिल्में देख छोटे भाई से संबंध बनाने लगी 9वीं की छात्रा, प्रेग्नेंट होने पर खुला राज, सदमे में परिजन…
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं…)