गोरखपुर — जिले की खजनी पुलिस ने छताई चौराहे पर दो ट्रकों को पकड़ा है जिसमें सरकारी चावल लदा था। चालकों को हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है। आश्र्चय की बात तो यह है कि मोमेंट चालान पर मार्केटिंग इंस्पेक्टर द्वारा डेट नहीं डाला गया था। इसको लेकर खजनी क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चा है।
जानकारी के अनुसार एसआई शेषनाथ यादव अपने सहयोगियों के साथ छताई चौराहे पर पहुंचे। तभी दो ट्रकों को आता देख पुलिस चौकन्ना हुई। कागजात तो चालकों ने सरकारी होने का दिखाया लेकिन मोमेंट चालान पर डेट नहीं पड़ा था। इसको लेकर पुलिस को मामले में कुछ गड़बड़ लगा। पुलिस जांच-पड़ताल कर रही है।
बता दें कि उरुवा बाजार में हरेराम ट्रेडर्स के नाम से राइस मिल है। मिल बेलघाट घाद्य विभाग के विपणन कार्यालय से सम्बद्ध है, जहां राइस मिल विपणन कार्यालय से सरकारी धान प्राप्त करके कुटाई का कार्य होता है। मार्केटिंग इंस्पेक्टर द्वारा धान से उत्पादित चावल को सरकारी गोदाम तक भेजने के लिए जब ट्रक राइस मिलर द्वारा चावल लोड हो जाता है तब मोमेंट चालान बनाना होता है। यह काम मार्केटिंग इंस्पेक्टर का होता है।
बरामद ट्रकों के चालकों के पास मोमेंट चालान तो था लेकिन उस पर डेट नहीं पड़ा था। जो इस बरामदगी को संदेह के घेरे में लाता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि गीडा में सरकारी गोदाम है, जहां सरकारी चावल जमा की जाती है। गीडा तक कागज बनाकर एक ही ट्रक नंबर से बिचौलियों द्वारा गोलमाल किया जाता है। यही सरकारी चावल कोटेदारों के हाथों बेच दिया जाता है। वहीं अधिकारिोयं का कहना है कि ‘मामला उच्चाधिकारियों के संज्ञान में लाया गया है। बिल्टी पर तारीख और समय पड़ना चाहिए था, लेकिन यह नहीं डाला गया है। ऐसा भूल से हुआ या वजह कुछ और थी ये जांच में ही पता चल सकेगा।’
सीएम के शहर गोरखपुर में जो राशन गरीबों तक पहुंचना चाहिए वो नहीं पहुंच पा रहा है. क्योकि गरीबों तक पहुंचने से पहले ही बिचौलिये और दलालों की अधिकारियों की मिली भगत आड़े आ जाती है और ये बीच में ही इस राशन को बेंच देते है, इसमें जो सबसे बड़ी बात है की जब सीएम के शहर में ऐसा हो सकता है तो और जिलों की बात ही छोड़ दिजिए।
(रिपोेर्ट-गौरव मिश्रा,गोरखपुर)