केंद्र सरकार के कुछ आदेशों के खिलाफ Twitter ने कर्नाटक हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. कंपनी ने कंटेंट को लेकर सरकार के कुछ आदेशों को वापस लेने की मांग उठाई है. न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, सूत्रों ने कहा कि ट्विटर ने अधिकारियों की ओर से सत्ता का दुरुपयोग बताते हुए कानूनी तौर पर चुनौती दी है.
इससे पहले सोमवार को सूत्रों ने बताया था कि ट्विटर (Twitter) ने इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय (मेइटी) द्वारा 27 जून को जारी अंतिम नोटिस का अनुपालन पूरा कर लिया है. मंत्रालय ने ट्विटर के लिए इसकी समयसीमा चार जुलाई तय की थी. यदि वह ऐसा नहीं कर पाती, तो मध्यवर्ती का दर्जा गंवा सकती थी. ऐसे में उसके मंच पर डाली जाने वाली सभी टिप्पणियों के लिए वह जिम्मेदार होती.
एक अन्य आधिकारिक सूत्र ने कहा कि सोशल मीडिया कंपनी से कुछ ट्वीट और ट्विटर खातों पर कार्रवाई करने के लिए कहा गया था. लेकिन पूर्व में कंपनी ने इस मोर्चे पर अनुपालन को पूरा नहीं किया था. इस बीच ट्विटर ने हाई कोर्ट का रुख किया है. इस बीच केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि कोई भी कंपनी हो, किसी भी क्षेत्र में हो, उसे भारत के कानून मानने ही चाहिए. ये सभी की जिम्मेदारी है कि जो देश की संसद से पास कानून है उसका सभी पालन करें.
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