उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फरनगर से एक बार फिर पंचायत का तुगलकी फरमान सामने आया है, जिसमें युवकों पर जहां हाफ पैंट व लड़कियों के स्कर्ट पहनने पर पूर्ण रूप से प्रतिबन्ध लगाया गया है, वही युवतियों पर भी जींस और स्कर्ट पहनने पर रोक लगाई गई है।
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समाज के ठेकेदारों ने पंचायत में दिए गए फरमान का पालन नहीं करने वालों का सामाजिक बहिष्कार करने की भी घोषणा की है। ग्राम पंचायत चुनाव की घोषणा होने के बाद से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गांव-गांव पंचायतों का दौर शुरू हो गया है। पंचायतों में समाज के ठेकेदार अपना रुतबा और वजूद रखने के लिए नए नये हथकंडे अपना रहे हैं।
घटना मुजफ्फरनगर की है…
यह मामला पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जनपद मुज़फ्फरनगर में सामने आया है। यहां चरथावल विधानसभा क्षेत्र के गांव पिप्पलशाह में दोपहर एक क्षत्रिय पंचायत का आयोजन किया गया था, जिसमें ऐसा आदेश दिया गया है।
व्यवस्था यह बनाई गई कि गांव में नई उम्र के लड़के हाफ पैंट पहनते हैं।
आज के बाद किसी भी गांव में कोई भी लड़का यदि हाफ पैंट पहनकर घूमता मिला तो समाज उसे दण्डित करे। अन्य बात यह है कि हम सभी के घर में लड़कियां है और आज हमारी लड़कियां पढ़ने जा रही हैं।
पंचायत का तुगलकी फरमान…
ठीक है उन्हें पढ़ाओ, बिना दहेज़ के उनका विवाह करो, ये सब ठीक है लेकिन लड़कियां जींस पहनकर या आपत्तिजनक कपडे़ पहनकर जाये ये समाज के लिए अच्छा नहीं है।
इस पर भी समाज एक मत होकर पाबन्दी लगाये। जो भारत की संस्कृति है और जो हमारी संस्कृति के परिधान है उन्ही कपड़ों का वो प्रयोग करें, न कि जींस टॉप पहनकर बाहर निकलें। अगर स्कूल कालेजों में ये व्यवस्था नहीं है तो उन स्कूल कालेजों का भी बहिष्कार किया जायेगा।
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