कड़ाके की सर्दी में खुले में रात काटने को मजबूर आवारा गोवंशों से परेशान किसान

फर्रुखाबाद–शासन के आदेश के बाद सरकारी मशीनरी ने अन्ना गोवंशों को संरक्षण केंद्रों में भिजवाने के प्रयास तो किए, लेकिन सफल नहीं हो सके। अभी भी वे जगह-जगह घूम रहे हैं।

निराश्रित गौवंशों के गौशालाओं में पहुँचने के लिए सीएम योगी ने 10  जनवरी तक की समय सीमा तय की थी । किसानों ने सरकार के दावों को पूरी तरह से नकार दिया। कडाके की सर्दी में किसान खेतों में फसल की सुरक्षा के लिए रात काटने को मजबूर है । गायें खेत में खड़ी फसलों के आसपास घूमती नजर आ रही है । निराश्रित गौवंशों के गौशालों में पहुँचने की अंतिम तिथि बीत जाने के बाद भी घने अँधेरे और कड़ाके की सर्दी में किसान खेतों पर नजर गढ़ाए बैठे है ।इससे साफ़ था कि निराश्रित गौ वंश अभी भी गाँव- मोहल्लों और खेतों पर मौजूद हैं और उन्हें सीएम योगी के आदेश पर गौ शालाओं में नहीं पहुंचाया गया है. किसान रात के धुप्प अँधेरे में खेतों में डटे मिले। किसानों ने बताया कि किस तरह गायों को पकड़ने पर वे हमलावर हो जाती हैं। 

इस बीच जिलाधिकारी मोनिका रानी ने बताया कि जिले में कुल नौ हजार के लगभग निराश्रित गौ वंशों की संख्या सामने आई है। इस तरह औसतन हर गाँव में 20- 25 गौ वंश हैं। इन्हें रखने और इनके दाना- पानी का इंतजाम करने की जिम्मेदारी प्रधान, सचिव और लेखपालों को दी गयी है। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों में गोवंश को छोड़ने वाले पशुपालकों पर एक हजार रुपये का जुर्माना का प्रस्ताव पारित किया जाए और जुर्माना शुल्क का अलग रजिस्टर बने व इसकी मुनादी भी कराई जाए। 

उन्होंने कहा कि अस्थाई बाड़ा बनवाने को ग्रामों में बनी सरकारी जर्जर भवन व चरागाह की भूमि का ही उपयोग किया जाए। रात में गोवंश को छोड़ कर जाने वाले वाहनों को पकड़ कर कम से कम 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाए। 

(रिपोर्ट- दिलीप कटियार,फर्रुखाबाद ) 

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