एटा–उत्तर प्रदेश के एटा जनपद में खुलेआम ट्रैफिक पुलिस के दरोगा सहित 3 पुलिस कर्मी खुलेआम एक झोपड़ी में पूरे दिन की रिश्वत की कमाई को बाटते दिख रहे हैं। ट्रैफिक पुलिस की वसूली का ये वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।
पूरा मामला शहर कोतवाली के जीटी रोड अलीगंज चुंगी तिराहा ट्रैफिक सिपाहियों की खुलेआम उगाही का अड्डा बना हुआ है। दिन भर की वसूली के बाद जब शाम को ट्रैफिक पुलिस और उनके एचसीपी रुपयों का बटवारा करने का ये कुछ ऐसा ही नजारा होता है। ट्रैफिक पुलिस की अवैध वसूली का ये वीडियों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसके बाद एटा के पुलिस अधिकारियों के माथे पर पसीना आ रहा है लेकिन करे भी तो क्या करे वो ऐसे भ्रष्ट सिपाहियों को ईमानदारी की जितनी नसीहते दे चुके है लेकिन नतीजा ढॉक के तीन पात ही रहा है। अब तो उन्होंने भी जैसे भ्रष्ट सिस्टम के आगे अपनी मजबूरी मान ली है कि हम लाख सुधार ले लेकिन तुमने जैसे कसम खा रखी है हम नहीं सुधरेंगें। इस वीडियो में रुपये के बटवारे के दौरान ही एक सिपाही कहता नजर आ रहा है कि रुपये निकाल लेना कमांड हाउस पर बालूशाही जानी है। इस पर रुपये बांट रहा सिपाही कहता है कि रुपये तो खत्म हो गये। इसी दौरान कुछ बात होती है और कमांड हाउस की बालूशाही का इंतजाम हो जाता है और इस वायरल वीडियो में ट्रैफिक कर्मी बात करते हुए दिख रहे है कि आज गाड़ियां कम आई है भाई लोगों, आज सभी ट्रैफिक पुलिस कर्मियों के हिस्से में 290- 290 रुपये ही आएंगे
ये नजारा एटा जनपद का है जहॉं शहर कोतवाली के सबसे प्रमुख चौराहे अलीगंज तिराहे पर वाहनों से एंट्री के नाम पर ट्रैफिक पुलिस कर्मी जमकर उगाही करते है और फिर शाम को रुपयों का बटवारा होने के बाद पार्टी की जाती है। ये यातायात पुलिस का खेल है और वाहनों की एंट्री किसी कागज पर नहीं बल्कि दस बीस रुपये के नोट पर हस्ताक्षर बनाकर दी जाती है जिसके एवज में वाहन चालकों से मनमर्जी तरीके से वसूली की जाती है क्योंकि वसूली के इस नये खेल को यहॉं कि यातायात पुलिस ने शहर के बाहर ढाबों को सौंप रखा है जहॉं से वसूली के बाद इन रुपयों को ट्रैफिक पुलिस आपस में बांट लेती है। ऐसे में सबसे अहम सवाल कि वसूली के इस खेल की जानकारी क्या पुलिस के आला अधिकारियों को नहीं है और यदि है भी तो फिर कार्यवाई क्यों नहीं की जाती।
वही बड़ी बात तो ये है कि इस काली कमाई के दिन भी निशिचित है कियोकि गौ बंशो और पशुओं से भरी गाड़िया शनिवार, रविवार और मंगलवार को पशुओं से भरे वाहनों के गुजरने के चलते ट्रैफिक पुलिस के इन सिपाहियों की इन विशेष दिनों में ज्यादा गर्म जेबे होती है। वही इस ट्रैफिक वसूली के पूरे मामले की पुलिस के आलाधिकारीयों को सब कुछ पता होने के बावजूद मौन बने हुए है।
(रिपोर्ट-आर.बी.द्विवेदी,एटा)