नई दिल्ली–भारत-पाकिस्तान में पिछले साल से जारी तल्खी नए साल में भी जारी रही। पीएम नरेंद्र मोदी ने साल के पहले दिन पड़ोसी देशों के प्रमुखों से बात कर उन्हें शुभकामनाएं दीं पर उन्होंने पाकिस्तान के पीएम इमरान खान से बात नहीं की।
कूटनीतिक हलको में इसे पाकिस्तान के प्रति भारत के कड़े रुख के तौर पर देका जा रहा है। हालांकि इन सबके बीच दोनों देशों के बीच पिछले करीब 28 साल से जारी एक परंपरा इस साल भी जारी रही।
भारत और पाकिस्तान ने बुधवार को अपने-अपने परमाणु प्रतिष्ठानों और अपनी-अपनी जेलों में बंद एक दूसरे के कैदियों की सूची साझा की। परमाणु प्रतिष्ठानों की सूची हर वर्ष के पहले दिन साझा की जाती है और बुधवार को यह लगातार 29वीं बार साझा की गई। दोनों देशों ने यह चलन अभी तक नहीं तोड़ा है। ऐसा करने के लिए दोनों देशों के बीच एक समझौता है जो 31 दिसंबर, 1988 को किया गया था और एक जनवरी, 1992 को पहली बार सूची साझा की गई थी।
विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारत ने अपनी हिरासत में मौजूद 267 पाकिस्तानी असैन्य कैदियों और 99 मछुआरों की सूचियां पाकिस्तान को सौंपी। वहीं, पाकिस्तान ने अपनी जेलों में कैद 282 भारतीय कैदियों की एक सूची भारतीय उच्चायोग को सौंपी, जिनमें 55 असैन्य नागरिक और 227 मछुआरे शामिल हैं। इन सूचियों को 2008 के एक समझौते के प्रावधानों के तहत आदान-प्रदान किया गया। इसके तहत हर साल एक जनवरी और एक जुलाई को कैदियों की इस तरह की सूची का आदान-प्रदान किया जाता है। भारत सरकार ने भारतीय असैन्य कैदियों, लापता भारतीय रक्षा कर्मियों और मछुआरों की शीघ्र रिहाई और उन्हें स्वदेश भेजने की अपील की है।