जज भर्ती परीक्षा की टॉपर अरेस्ट, पहले ही मिल गया था प्रश्नपत्र

चंडीगढ़– सिविल सर्विसेस ज्यूडिशियल ब्रांच पेपर (एचसीएस) लीक मामले में पुलिस ने एग्जाम में टॉपर रही सुनीता को दिल्ली के नजफगढ़ से अरेस्ट कर लिया। कोर्ट ने उसे 3 दिन की रिमांड पर भेजा है। पुलिस उससे मोबाइल फोन और हार्ड डिस्क रिकवर करना चाहती है, ताकि उसके खिलाफ ठोस सबूत मिल सके। पुलिस ने कोर्ट में बताया कि सुनीता को क्वेश्चन पेपर पहले ही मिल गया था, इसलिए वह टॉप कर पाई।

हाईकोर्ट हरियाणा में जजों की भर्ती परीक्षा को पहले ही रद्द कर चुका है। इसमें हाईकोर्ट के ही रिक्रूटमेंट रजिस्ट्रार की भूमिका सामने रही है। रजिस्ट्रार से सुनीता का 760 बार कॉन्टैक्ट हुआ।

कुछ इस तरह हुआ था मामले का खुलासा : 

पिंजौर की वकील सुमन ने हाईकोर्ट में पिटीशन दायर कर कहा था कि पेपर डेढ़ करोड़ में बिक रहा है। उसे भी पेशकश की गई थी। सुमन ने सुशीला नाम की एक लड़की से लेक्चर की ऑडियो क्लिप मंगाई थी, लेकिन उसने गलती से सुनीता से अपनी बातचीत की ऑडियो क्लिप सेंड कर दी। जिसमें पेपर में आने वाले प्रश्नों पर हुई बातचीत रिकॉर्ड थी। पिटीशन पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने अपने लेवल पर जांच शुरू की, जिसमें सामने आया कि हाईकोर्ट के ही रिक्रूटमेंट रजिस्ट्रार डॉ. बलविंदर शर्मा के मोबाइल फोन से सुनीता के फोन पर सालभर में 760 बार कॉन्टैक्ट हुआ था। बाद में सुनीता ही एक्जाम में टॉपर रही। सुशीला नाम की दूसरी लड़की रिजर्व कैटेगरी की टॉपर बनी। हालांकि, बाद में कोर्ट ने परीक्षा ही रद्द कर दी।

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