फर्रुखाबाद– नीम के हरे पेड़ काटकर योगी सरकार की पर्यावरण बचाओ मुहीम को खाकी ने पलीता लगवा दिया।पेड खरीदने वाले ठेकेदार का आरोप था की उसने पुलिस से पैसे देकर अनुमति मौखिक तौर पर ले ली है; लेकिन पुलिस पैसे लेने की बात से किनारा कर रही है।
थाना क्षेत्र के ग्राम रतनपुर निवासी दयाशंकर के खेत में खड़े 7 नीम के पेंड़ो को ठेकेदार ने खरीद लिया।लेकिन काटने को कोई आदेश वन विभाग या सम्बन्धित अधिकारीयों से नही लिया। हरे पेड काटते हुये ठेकेदार कैमरे में कैद हो गया। जब पूंछा गया तो उसने कहा की परमिशन उसने पुलिस से ले ली है। 7 पेंड़ो के लिये उसने 1400 रूपये पुलिस कर्मियों को दिये थे। अब किसी परमिशन की जरूरत ही नही। उसने कहा की जिसका जितना है उसके पास अपने आप पंहुच जायेगा।
जिले में पर्यावरण को लेकर कई प्रकार से उसको बचाने अभियान चलाए जा रहे है।दूसरी तरफ लकड़ी माफिया पुलिस की मदद से पर्यावरण को उजाड़ने में लगे हुए है।एक हरा पेड़ थाना क्षेत्र में काटने पर 200 रुपया चार्ज किया जाता है।यदि आम व शीशम के पेड़ काटने पर 500 तक परमिशन के नाम पर पुलिस द्वारा वसूले जाते है।जबकि हरा पेड़ काटना ही अपराध की श्रेणी में आता है।उसके बाद भी वन विभाग से परमिशन लेनी पड़ती है कि यह हरा पेड़ कभी भी किसी की जान का खतरा बन सकता है और तब जांच के बाद परमिशन दी जाती है।नही तो हरे पेड़ काटने की कोई भी अधिकारी परमिशन नही दे सकता है। गौतलब है कि हर थाने में हरियाली लाओ प्रकृति बचाओ की स्कीम चलाई जा रही है।
(रिपोर्ट – दिलीप कटियार , फर्रुखाबाद )