हमीरपुर — बुंदेलखंड़ में भले ही लोग इन दिनों बाघ के साये में जी रहे हो लेकिन इसी दहशत के बीच जो सरकार सालो नहीं कर पाई उसे टाइगर ने कुछ दिनों में कर दिखाया.दरअसल हम बात कर रहे है उत्तर प्रदेश के हमीरपुर और महोबा जिले की.जहां दो गांव में दिखे बाघ के खौफ से आधा दर्जन गांव खुले में शौच से मुक्त (ODF) हो गए.
जिसे प्रदेश और केंद्र सरकार की लाख कोशिशों के बाद भी जिले के गांव ओडीएफ नहीं हो सके. लेकिन अचानक एक बाघ की एंट्री होते ही हमीरपुर और महोबा के बॉर्डर से सटे गावों गयोढ़ी और कुनेह्टा दहशत फैल गई. आलम यह हुआ कि बाघ की दहाड़ से लोगों ने अपनी आदत बदल ली और खुले में शौच जाना ही छोड़ दिया. लिहाजा जो काम जिला प्रशासन नहीं करवा सका वह एक बाघ ने कर दिया. अब गांव ओडीएफ हो चुका है यानी खुले में शौच से मुक्ति.
बता दें कि बाघ ने इन गांवों के पास जंगल में अपना डेरा जमा रखा. वो भी एक दो दिन नहीं, पूरे पांच दिन तक. अब गांव वाले भी परेशान थे कि शौच के लिए जंगल कैसे जाएं? तो गांव वालों ने घर में बने शौचालय में जाना शुरू कर दिया. बाघ की दहशत की वजह से दोनों जिलों के आधा दर्जन गांव खुद ही ओडीएफ हो गए. हालांकि वन विभाग को बाघ तो नहीं मिला, लेकिन उसके पदचिन्ह आज भी लोगों में दहशत बनाये हुए है.
यहां के लोगो की दिनचर्या खेत से शुरू होकर खेत में ही खत्म होती थी, लेकिन एक बाघ के खौफ के चलते अब खुले में शौच जाना तो दूर लोगों ने अपने खेतों में जाना छोड़ दिया है. शाम होते ही लोग अपने-अपने घरों में ‘बंद’ हो जाते हैं औऱ जब निकलते है तो झुंड में. वो भी लाठी-डंडों और हथियारों के साथ. फिलहाल इस टाइगर ने अभी तक किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया है.