उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में उस वक्त वन विभाग के कर्मचारियों की सांसे थम गई जब अचानक एक बाघ (Tiger) उनके ट्रैक्टर पर चढ़ गया और उन पर हमला कर दिया. गनीमत रही कि बाघ के हमले में कोई भी कर्मचारी घायल नहीं हुआ. वहीं कर्मचारियों के शोर-शराबा के बाद बाघ ट्रैक्टर से उतरकर फिर से झाड़ियों में जाकर छिप गया.
3 ग्रामीणों को किया घायल
दरअसल पीलीभीत के टाइगर (Tiger) रिजर्व की माला रेंज से सटे गांव जरी में बाघ (Tiger) ने हमला कर 3 ग्रामीणों को घायल कर दिया. सूचना पर मौके पर पहुंचे वन विभाग के आलाधिकारी जरी चौकी पहुंच कर बाघ को जंगल वापस भेजने की रणनीति बना रहे थे. इस बीच जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव भी घटना स्थल पर पहुंच गए. वहां वनाधिकारी और कर्मचारियों के साथ बातचीत कर उन्हें जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए.
अचानक हमलावर हुआ बाघ
इस दौरान बाघ (Tiger) को जंगल की ओर खदेड़ने का प्रयास कर ही रहे थे कि बाघ अचानक हमलावर हो गया और उसने ट्रैक्टर पर चढ़कर वन कर्मचारियों पर हमला कर दिया. गनीमत रही कि बाघ के हमले में कोई भी कर्मचारी घायल नहीं हुआ. वहीं कर्मचारियों के शोर-शराबा के बाद बाघ ट्रैक्टर से उतरकर झाड़ियों में जाकर छिप गया.
बता दें कि इस ऑपरेशन की कमान पीलीभीत टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर नवीन खंडेलवाल खुद संभाल रहे थे. उन्होंने कहा कि हम पूरे इंतजाम के साथ आए हैं. हमारी प्राथमिकता रहेगी कि बाघ को सही सलामत जंगल भेज दिया जाए. अगर किसी तरह की कोई दिक्कत आती हैं तो बाघ को ट्रंकोलाइज़ किया जा सकता है.
यहीं से पकड़ा गया था आदमखोर बाघ
फिलहाल पूरी वनविभाग की टीम सूर्य अस्त होने का इंतजार कर रही है क्योंकि वह समय बाघ को खदेड़ने का सबसे बेहतर समय होता है. यहां कोई ये पहला मामला नहीं एक माह पहले भी इसी इलाके में एक आदमखोर बाघ ने अपना आतंक बना रखा था, जिसको वन विभाग ने बड़ी मशक्कत के साथ पकड़ा था.
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