न्यूज डेस्क — केंद्रीय मंत्रीमंडल ने बुधवार को ने मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से आजादी दिलाने के लिए बड़ा फैसला किया है. आज हुई कैबिनेट बैठक में तीन तलाक पर अध्यादेश को मंजूरी दे दी गई है.
दरअसल तीन तलाक विधेयक लोकसभा से पारित हो चुका है, लेकिन राज्यसभा में लंबित है. राष्ट्रपति की मुहर लगते ही तीन तलाक पर कानून पास हो जाएगा. संसद से बिल पारित होने से पहले 6 महीने तक अध्यादेश से काम चलेगा. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी.
रवि शंकर प्रसाद ने बताया कि ”कैबिनेट ने आज तीन तलाक पर अध्यादेश को मंजूरी दे दी. मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ आरोप लगा रहा हूं कि कांग्रेस की सबसे बड़ी नेता एक प्रतिष्ठित महिला नेता, इसके बाद भी अभी तक शुद्ध वोटबैंक की राजनीति के लिए तीन तालक जैसे बर्बर अमानवीय कानून को कत्म करने की इजाजत नहीं दी.”
बता दें कि इस बिल के तहत तुरंत तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) को अपराध की श्रेणी में रखा गया. अपनी पत्नी को एक बार में तीन तलाक बोलकर तलाक देने वाले मुस्लिम पुरुष को तीन साल की जेल की सजा हो सकती है. इस बिल में मुस्लिम महिला को भत्ते और बच्चों की परवरिश के लिए खर्च को लेकर भी प्रावधान है. इसके तहत मौखिक, टेलिफोनिक या लिखित किसी भी रूप में एक बार में तीन तलाक को गैर-कानूनी करार दिया गया है.जबकि पिछले साल अगस्त में सुप्रीम कोर्ट ने एक बार में तीन तलाक को गैर कानूनी और असंवैधानिक करार दिया था.फिलहाल बिल राज्यसभा में अटका है.