लखनऊ– लखनऊ पुलिस ने यूपी राजकीय निर्माण निगम के अपर प्रोजेक्ट मैनेजर को अगवा करने की साजिश रच रहे तीन खिलाड़ियों को गिरफ्तार कर लिया है। पकड़े गए आरोपियों में फुटबॉल का राष्ट्रीय खिलाड़ी लखनऊ विश्वविद्यालय का बर्खास्त छात्र विपुल बालियान व दो क्रिकेट खिलाड़ी आरिफ हुसैन और बलिया के रसड़ा थाने के पहाड़पुर निवासी हरिकेश ठाकुर शामिल हैं
सहायक पुलिस अधीक्षक, ग्रामीण गौरव ग्रोवर ने बताया कि रविवार सुबह शहीद पथ, अहिमामऊ स्थित स्टेडियम के पास बाइक की नंबर प्लेट बदल रहे तीनों बदमाशों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि पैसों की कमी के चलते उन्होने ऐसा किया।
आगे गौरव ग्रोवन ने बताया कि गोसाईगंज क्षेत्र में कानपुर रोड स्थित एलडीए कॉलोनी के सेक्टर-1 निवासी व राजकीय निर्माण निगम के अपर प्रोजेक्ट मैनेजर फिरोजाबाद निवासी संजय कुमार सिंह ने अज्ञात व्यक्ति द्वारा फोन पर धमकी देने के साथ दस लाख रुपये की रंगदारी मांगे जाने की शनिवार को प्राथमिकी दर्ज कराई।
उन्होंने धमकी में इस्तेमाल मोबाइल नंबर पुलिस को उपलब्ध कराते हुए कहा कि बदमाश ने अनेक बार कॉल की। धमकी देने के साथ उनकी दिनचर्या का जिक्र करते हुए रकम की मांग की है।
पहले भी जेल जा चुका है मास्टमाइंड
तीनों के पास से .315 बोर का तमंचा, चार कारतूस, तीन मोबाइल फोन, बाइक की डिक्की से लोहे की रॉड बरामद हुई। लविवि से बर्खास्त छात्र विपुल बालियान मास्टर माइंड है। मुजफ्फरनगर के कस्बा भोपा का मूल निवासी विपुल बालियान फुटबाल का राष्ट्रीय खिलाड़ी रहा है।
वह दो साल पहले हसनगंज इलाके में छात्रों के बवाल के दौरान मिठाई विक्रेता पर कातिलाना हमले में जेल की हवा खा चुका था। पकड़े गए अन्य दोनों बदमाशों की पहचान गोरखपुर के झंगहा थाने के विसुनपुर मटियरा निवासी आरिफ हुसैन और बलिया के रसड़ा थाने के पहाड़पुर निवासी हरिकेश ठाकुर के रूप में हुई।
दोनों ही गुडंबा इलाके में गुरु गोविंद सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज में क्रिकेट के छात्र रहे थे और हसनगंज के बाबूगंज में राधा वर्मा के मकान में विपुल बालियान के साथ रह रहे थे। थानाध्यक्ष बलवंत शाही ने बताया कि विपुल बालियान ने आरिफ और हरिकेश ठाकुर को अलर्ट किया कि अहिमामऊ में स्टेडियम के पास रकम लेने के दौरान लोहे की रॉड से हमला करके संजय कुमार को भी अगवा करना है।
इसके बाद परिवारीजनों से मोटी फिरौती वसूलकर संजय को छोड़ा जाएगा। विपुल ने दोनों साथियों को चेताया था कि हमले में सिर्फ लोहे की रॉड का इस्तेमाल करना है, ताकि फिरौती के लिए कॉल करने पर संजय कुमार की उसके करीबी लोगों से बात कराई जा सके।