न्यूज डेस्क — लोकसभा के मानसून सत्र में गुरुवार को ट्रिपल तलाक बिल पेश किया जा रहा है। बिल पर दिन भर बहस चली और एक बार फिर यह बिल लोकसभा में पास हो गया।
इस बिल के पक्ष में 303 और विपक्ष में 82 वोट पड़े। कांग्रेस, डीएमके, एनसीपी, टीडीपी और जेडीयू ने इस बिल का विरोध किया था।यह बिल पिछली लोकसभा में ही पास हो गया था, लेकिन राज्यसभा ने इस बिल को वापस कर दिया था। 16वीं लोकसभा का कार्यकाल खत्म होने के बाद मोदी सरकार कुछ बदलावों के साथ इस बिल को दोबारा लेकर आई।
लोकसभा में तीन तलाक बिल को विचार के लिए पेश करने के लिए वोटिंग कराई गई। जिसमें इसके पक्ष में 303 और विपक्ष में 82 वोट पड़े। इसके साथ ही बिल को पेश करने का प्रस्ताव पारित हो गया। अब बिल पर संशोधन पर वोटिंग हो रही है। ओवैसी द्वारा लाए गए संशोधन को लोकसभा में ध्वनिमत से खारिज कर दिया गया। ओवैसी का दूसरा संशोधन भी खारिज हो गया।
कानून मंत्री ने कहा कि चुनाव में हमें मुस्लिमों का वोट कम ही मिलता है लेकिन जब जीतते हैं तो सबका साथ सबका विकास की बात करते हैं। अपराध करने पर मुआवजा देने के प्रावधान पर सवाल उठाए गए, लेकिन जब मुस्लिम पति जेल जाता है, तो यह सवाल क्यों नहीं उठता है। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इस बिल के अनुसार पत्नी को सुनने के बाद बेल पर फैसला इसलिए लिया जाएगा क्योंकि उससे समझौता का अवसर खुलेगा। अगर कोई उस वक्त तीन तलाक न देने की बात कबूलेगा तो उसे छोड़ दिया जाएगा। अगर वे अपने तीन तलाक पर कायम रहता है, तो जेल में रहेगा।
लोकसभा में तीन तलाक बिल पर चर्चा के दौरान टीडीपी सांसद जयदेव गल्ला ने कहा कि इस बिल को कोर्ट भी गलत बता चुका है। सभी के लिए बराबर कानून होना चाहिए। क्या हिंदू को भी तलाक पर जेल भेजा जाएगा। अगर ऐसा नहीं तो क्या ये कानून केवल मुस्लिमों के लिए है। तीन तलाक बिल पर बीजेपी सांसद पूजन महाजन ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए यह बिल लेकर आए हैं। समय के साथ ही धार्मिक विचारों में भी बदलाव आना चाहिए। हिंदू धर्म में भी ऐसे कई बदलाव किए गए हैं।
एनडीए की सहयोगी जेडीयू ने तीन तलाक बिल का विरोध किया है। जेडीयू के नेता राजीव रंजन सिंह ने कहा कि तीन तलाक बिल समाज के एक खास वर्ग के मन में अविश्वास की भावना पैदा करेगा। उन्होंने कहा, ”हड़बड़ी में कोई काम करने की जरूरत नहीं है। आपसी कानून को बनाकर पति-पत्नी के रिश्ते को तय नहीं कर सकते।