बहराइच — उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के तराई में मौसम का मिजाज जिंदगी पर भारी पड़ने लगा है। पड़ रही कड़ाके की ठंड अब जानलेवा बन गई है। जिले में ठंड की चपेट में आकर दो मासूमों समेत तीन लोगों की मौत हुई है। पारा जमाव बिंदु की ओर निरंतर बढ़ रहा है।
घना कोहरा जनजीवन को अस्तव्यस्त किए हुए है। मंगलवार को पूरे दिन धूप नहीं निकली। कोहरे ने मुश्किलें और बढ़ाईं। परिवहन और रेल सेवाएं भी बुरी तरह प्रभावित रहीं। सबसे अधिक दिक्कत नन्हें-मुन्हें बच्चों को स्कूल जाने में हुई।
तराई की ठंड जानलेवा साबित हो रही है। बीते दो दिन से मौसम का मिजाज तराई में पूरी तरह सख्त हो गया है। घना कोहरा मुश्किलों को और भी बढ़ा रहा है। इसके साथ ही चल रही बर्फीली तेज पछुवा हवाएं शीतलहरी का सबब बनी हुई हैं। मंगलवार की भोर कोहरे में लिपटी रही। लोगों ने कांपते हुए बिस्तर छोड़ा। घर के बाहर निकले तो चारो तरफ कोहरे की सफेद चादर दिखी। सड़क पर चलने वाले वाहन रेंगते नजर आए। उधर ग्रामीण अंचलों को रात से ही कोहरे ने अपने आगोश में ले लिया था।
इसका नतीजा यह हुआ कि मंगलवार को पूरे दिन लोग कांपते रहे। ठिठुरन और गलन से जनजीवन अस्तव्यस्त रहा। पारा लुढ़कने और ठंडी बढ़ने के चलते रिसिया विकास खंड के सिसई सलोन गांव में छत पर सो रहे युवक की ठंड से मौत हो गई। सिसई सलोन निवासी गोबरे ने बताया कि पुत्र महेश (28) दो दिन से सर्दी, जुकाम की चपेट में था। प्रतिदिन की तरह रात में वह छत पर बने कमरे में सोने चला गया। लेकिन आधी रात के समय उसे तेज कंपकंपी व पेट दर्द की शिकायत हुई। अलाव जलाकर गर्मी देने की कोशिश की गई।
लेकिन जब तक इलाज का इंतजाम किया जाता, तब तक थरथराहट के बीच उसने दम तोड़ दिया। मृतक के भाई रमेश ने ठंड से भाई के मौत की बात कही है। उधर पयागपुर के फरदा सुमेरपुर निवासी सबीना (3) पुत्री शकील को भी ठंड लग गई। जिससे कोल्ड डायरिया व निमोनिया की शिकायत हुई।
वहीं स्थानीय चिकित्सकों से इलाज कराने पर लाभ न हुआ तो परिवारीजनों ने सोमवार रात मासूम को जिला अस्पताल पहुंचाया। लेकिन यहां इलाज शुरू होने के कुछ देर बाद ही सबीना ने दम तोड़ दिया। उधर सोनवा के तुरहनी गांव निवासी परमेश (3) पुत्र सीताराम ने भी एनीमिया व निमोनिया की चपेट में आकर अंतिम संास ली। उसे भी पेट दर्द, कंपकंपी और बेहोशी की शिकायत हुई। परिवारीजनों ने अस्पताल पहुंचाया, लेकिन जिंदगी नहीं बच सकी।