वाराणसी — इस वर्ष मार्च की शुरुआत से ही गर्मी ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है। हालांकि मार्च में पहले भी तापमान उच्च रहा है लेकिन, वह भी माह के अंत में। वैसे इस बार मार्च के पहले सप्ताह में ही पारा 35 डिग्री सेल्सियस पारहो चुका है।
ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि पिछले कई दशकों का रिकार्ड इस साल टूट सकता है। इससे पहले वर्ष 2010 में 27 मार्च को अधिकतम तापमान 42.8 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया गया था।वहीं कई दशकों में पहली बार ऐसा हुआ है कि ठंड में काशी क्षेत्र में एक दिन भी बारिश नहीं हुई यानी नवंबर, दिसंबर, जनवरी और काफी हद तक फरवरी भी सूखी गुजर गई है। हालांकि महाशिवरात्रि के दौरान कुछ इलाकों में हल्की बूंदाबांदी जरूर हुई। लगातार चार माह तक बारिश नहीं होने का परिणाम मार्च में दिखने लगा है।
हालांकि पश्चिमी विक्षोभ के कारण सोमवार को लोगों को गर्मी से थोड़ी राहत भी मिली, तापमान में ज्यादा गिरावट नहीं हुई। रविवार को अधिकतम तापमान 35.6 व न्यूनतम तापमान 18.1 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। वहीं हल्की बारिश व बादलों के बाद भी सोमवार को अधिकतम तापमान 33.6 डिग्री सेल्सियस तक ही था। जबकि न्यूनतम बढ़कर 18.9 डिग्री सेल्सियस हो गया था। मौसम वैज्ञानिक बताते हैं कि अगर यही स्थिति रही तो मार्च के अंत तक पिछला रिकार्ड टूट सकता है।
इन्वेस्टर्स समिट में सरकारी धन की बर्बादी,लाइट लगाने में बड़ा घपला आया सामने
मौसम विज्ञानी प्रो. एसएन पांडेय ने बताया कि मार्च में औसतन अधिकतम तापमान 33.2 व न्यूनतम तापमान 16.3 डिग्री सेल्सियस माना गया है। हालांकि पिछले वर्ष 31 मार्च को अधिकतम तापमान 41.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। बताया कि जलवायु परिवर्तन का असर है कि मार्च के आरंभ में ही तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो गया है।
अपना दूध बेचकर लाखों कमा रही है यह महिला, बॉडी बनने लिए खरीद रहे युवा