फर्रुखाबाद–फर्रुखाबाद जिले में बकरीद के लिए घूमना बजार में मंडी सज गयी है। सबसे ज्यादा 90 हजार रुपये में तोतापरी नस्ल का बकरे की कीमत लगी है । मंडी में कई नस्लों के बकरे चार से 90 हजार रुपये तक में बिक रहे हैं।
इनके लिए खरीदारों की भीड़ जुट रही है। मंडी में देसी के अलावा तोतापरी, बरबरी, जमुनापरी, राजस्थानी नस्ल के बकरे लाए गए हैं। फर्रुखाबाद की मंडी में इटावा, कानपुर, कन्नौज हरदोई आदि जिलों से बकरे लाए गए हैं।इस समय शमसाबाद नगर पंचायत रहने वाले राजू राजपूत के बकरे की चर्चा जोड़े पर है क्यों की के बकरे के पेट पर काले रंग के बालों से कुछ उर्दू में लिखा हुआ था, जिसे राजू राजपूत हिंदू धर्म के होने की वजह से नहीं जानता था इस पर क्या लिखा है। पड़ोस में मुस्लिम बस्ती ज्यादा लोग रहते हैं आने जाने वाले कुछ मुस्लिम लोगों की निगाह राजू राजपूत के बकरे पर पड़ी। उन मुस्लिम लोगों ने राजू राजपूत को बताया तुम्हारे बकरे के पेट पर उर्दू में अल्लाह लिखा हुआ है।जिससे राजू राजपूत फूला नहीं समा रहा है, क्योंकि आगे मुस्लिमों का त्यौहार बकरा ईद आ रही है।यहां एक बकरी ने 2 बच्चे जन्मे जिसमें एक बकरी और एक बकरा था। बकरा सफेद रंग का था, जिस पर राजू राजपूत बकरे को बेचकर अच्छा मुनाफा कमाना चाहता है।
वही मुस्लिम धर्म गुरुओं व शहर काजी का मानना है कि हम कुर्बानी किसी जानवर की दे सकते है। यह केवल अपने जानवरों की अच्छी कीमत वसूल करने के लिए जालसाजी कर रहे है। किसी जानवर पर अल्हा या मोहम्मद लिखा हो तभी उसकी कुर्बानी समान होती है। अलग से कुर्बानी देने वाले को कोई फायदा नहीं होता है।
(रिपोर्ट- दिलीप कटियार, फर्रुखाबाद )