भारत एक ऐसा देश है जहां पर राजा महाराजाओं द्वारा स्मारक और प्रतिमाएं बनाने का चलन था। देश में ज्यादातर स्मारक राजा महाराजाओं ने अपनी रानी ,पुत्र, और पिता के याद में बनवाये थे। वहीं भारत में देश की महिलओं द्वारा भी चुंनिन्दा स्मारकों का निर्माण कराया गया।
भारत देश की महिलाओं ने हमेशा से ही अपनी बहादुरी,वीरता और बुद्धिमत्ता का परिचय दिया है। भारतीय इतिहास में भी निडर और साहसी महिला शासकों की कमी नहीं हैं। उन्होंने अपने विरासत को ताकतवर बनाने के लिए कई स्मारकों का निर्माण किया है और अपने साम्राज्य का विकास किया है। आपको बता दें देश में ऐसे कई खूबसूरत स्मारक है जो महिलाओं द्वारा बनवाए गए हैं। जिसमें बारीक नक्काशी, वास्तुकला और ऐतिहासिकता की झलक दिखती है। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से भारत के प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्मारकों के बारे में बताएंगे जिनका निर्माण महिलाओं द्वारा करवाया गया है।
मिरजान किला: कर्नाटक
मिरजान किला इमारत की खूबसूरती के लिए जाना जाता है। यह किला कनार्टक के पूर्वी कन्नड़ जिले के पश्चिमी तट पर बसा हुआ है। गरसोप्पा की रानी द्वारा बनवाया गया यह किला ऊंची दीवारों और ऊंचे गढ़ों की दोहरी परत से घिरा हुआ है। रानी को रैना दे पिमेंता भी कहा जाता था, जिसका मतलब काली मिर्च की रानी होता है। रानी का यह नाम इसलिए पड़ा क्योंकि वो जगह शासन करती थी जहां पर काली मिर्च का पैदावार सबसे अच्छा होता था।
हुमायूं का मकबरा: दिल्ली
हुमायूं का मकबरा नई दिल्ली में स्थित है। जिसका निर्माण हुमायूं की बेगम,हामिद बानो बेगम ने करवाया था। यह स्मारक फ़ारसी और भारतीय शैली को मिलाकर बनाई गई सबसे पुरानी खूबसूरत रचनाओं में एक है। हुमायूं का मकबरा भारत के प्रसिद्ध मकबरों में से एक है। यहां तक कि हामिद बानो बेगम के मरने के बाद उन्हें भी इसी मकबरे में दफनाया गया था।
इतिमादउद-दौला का मक़बरा: आगरा
भारत में संगमरमर का सबसे पहला मकबरा महारानी नूर जहां ने बनवाया था। नूर जहां ने अपने पिता मीर गयास बेग की याद में इस मकबरे का निर्माण करवाया। सन् 1622 से 1628 के बीच इतिमाद-उद-दौला का मकबरा नूर जहां ने बनवाया। इस मकबरे की बनावट बाग में स्थित किसी खजाने के बक्से की तरह हूबहू प्रतीत होता है जिसमें कोरल के साथ लाल और पीले बालू के पत्थर पर बड़ी ही खूबसूरती से बारीक काम किया गया है। यह मकबरा ताजमहल के सामने यमुना नदी के किनारे पर ही बनवाया गया है।
खैर-अल-मंजिल मस्जिद: नई दिल्ली
नई दिल्ली में सन् 1561 में खैर-अल-मंजिल मस्जिद निर्माण हुआ था। इसका निर्माण अकबर की दाई मां महम अंगा ने कराया था। मुगल दरबार की सबसे महत्वपूर्ण और प्रभावशाली महिला महम अंगा थीं जिन्होंने मुगल साम्राज्य पर अकबर के बचपन में शासन किया। देश के विद्वानों के मुताबिक मस्जिद का उपयोग मदरसे के रूप में भी किया जाता था।
रानी की वाव: गुजरात
गुजरात के पाटण में स्थित ‘ रानी की वाव’ को रानी उदयमती द्वारा अपने पति की याद में बनवाया गया। अपने पति राजा भीमदेव प्रथम की याद में सन् 1063 में रानी उदयमती ने इसका निर्माण करवाया गया था। भारत की सबसे खूबसूरत बावलियों में से रानी की बावली दुनिया की सबसे पहली वाव है । जिसे यूनेस्को ने विश्व विरासत धरोहरों की सूची में रखा है। वहीं रानी का वाव सरस्वती नदी के किनारे पर बसा है।
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