न्यूज डेस्क– यूपी में पॉलिथीन प्रतिबंध को लेकर बृहस्पतिवार को उत्तर प्रदेश प्लास्टिक और अन्य जीव अनाशित कूड़ा-कचरा (उपयोग और निस्तारण का विनियमन) (संशोधन) विधेयक 2018 पेश किया गया। इसके तहत पॉलिथीन का प्रयोग करने पर जेल व जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
प्रतिबंधित प्लास्टिक के निर्माण, वितरण व भंडारण पर भी कठोर दंड की व्यवस्था की गई है।संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने विधेयक पेश करते हुए कहा, राज्य सरकार ने 50 माइक्रॉन से कम मोटाई वाली पॉलिथीन के अलावा थर्माकोल से बनी थाली, गिलास, प्लेट, कटोरी आदि के निर्माण, स्टोर, बिक्री और उपयोग करने वाले व्यक्ति के लिए जुर्माना के साथ ही जेल की सजा का प्रावधान किया है।
इसके प्रावधानों का उल्लंघन करने वाले को अधिकतम एक लाख तक जुर्माना के अलावा एक साल की सजा दी जा सकेगी। प्लास्टिक एवं उससे बनी सामग्रियों आदि को नियंत्रित करने के लिए वर्ष 2000 में ‘उप्र प्लास्टिक और अन्य जीव अनाशित कूड़ा कचरा (उपयोग और निस्तारण का विनियमन) अधिनियम लागू किया गया था।
मगर, इसके कमजोर प्रावधानों के चलते यह प्रभावी नहीं हो सका और न ही पॉलिथीन पर प्रतिबंध लग सका। अब प्रदेश सरकार ने इस अधिनियम में दंड की व्यवस्था को और सख्त करने के लिए कई प्रावधानों को संशोधित किया है।