जोधपुर– जोधपुर सेंट्रल जेल में बनी एससी/एसटी विशेष अदालत ने नाबालिग से बलात्कार के मामले में आसाराम को उम्रकैद की सजा हुयी है. इस दौरान जेल परिसर में हलचल बढ़ गयी.
आसाराम के अलावा अदालत ने अन्य चारों आरोपियों शिवा, शरतचंद्र, शिल्पी और प्रकाश को भी दोषी करार दिया था .जोधपुर सेंट्रल जेल के अंदर बनी विशेष कोर्ट के जज मधुसूदन शर्मा ने अपना अहम फैसला सुनाया. फैसले के चलते सुरक्षा के मद्देनजर जोधपुर सेंट्रल जेल समेत पूरे जिले में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रखी गई और निषेधाज्ञा लागू की गई. राम रहीम पर फैसले के बाद पंचकूला में हुई हिंसा को ध्यान में रखते हुए केन्द्र ने राजस्थान, गुजरात और हरियाणा सरकारों से सुरक्षा बढ़ाने और अतिरिक्त बल तैनात करने को कहा था, क्योंकि इन तीनों राज्यों में 77 साल के आसाराम के बड़ी संख्या में अनुयायी हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक संदेश जारी कर तीनों राज्यों से सुरक्षा मजबूत करने को कहा. साथ ही यह सुनिश्चित करने को भी कहा गया कि अदालत के आदेश के बाद कोई हिंसा नहीं फैले. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि तीनों राज्यों से संवेदनशील स्थानों पर अतिरिक्त बल तैनात करने के लिए कहा गया.
राजस्थान उच्च न्यायालय के निर्देशों के मुताबिक, निचली अदालत मामले के सिलसिले में जोधपुर सेन्ट्रल जेल परिसर में अपना फैसला सुनाएगी, जहां आसाराम बीते चार साल से अधिक समय से जेल में बंद हैं. डीजीआई (जेल) विक्रम सिंह ने बताया, ‘हमने फैसला सुनाये जाने के दिन के लिए सभी प्रबंध किए हैं. जेल परिसर में अदालत कक्ष में अदालत के कर्मचारियों सहित मजिस्ट्रेट, आसाराम और सह आरोपी, बचाव एवं अभियोजन पक्ष के वकील मौजूद रहेंगे.’ आसाराम पर उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की एक नाबालिग से बलात्कार करने का आरोप है. यह लड़की मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में आसाराम के आश्रम में पढ़ाई कर रही थी. पीड़िता का आरोप है कि आसाराम ने जोधपुर के निकट मनई आश्रम में उसे बुलाया था और 15 अगस्त 2013 को उसके साथ दुष्कर्म किया था. आसाराम से इन आरोपों से इंकार किया है.