होर्डिंग द्वारा प्रचार का काला खेल आया सामने !

फर्रुखाबाद– शहर में नगरपालिका क्षेत्र में सड़कों के किनारे से लेकर सरकारी भवनों पर लगाये जाने होर्डिंग का नगरपालिका में उसका ठेका दिया जाता है, लेकिन ठेकेदार ने अभी ठेके लेने का रुपया नही जमा किया है । शहर में पोस्टर से लेकर होडिंग तक काम ठेकेदार के ही पास होता है। जिससे ठेकेदार एक होर्डिंग का एक महीने का चार्ज तीन हजार से पांच हजार वसूल करता है ।

पूरे शहर में लगभग 150 होर्डिंग लगाए गए है।बहुत से होर्डिंग ने महापुरुषों की प्रतिमाओं को ढक दिया है जिससे उनके प्रति श्रद्धा रखने वाले लोगो ने इसकी आवाज उठाई है। शहर में शायद ही किसी महापुरुष की प्रतिमा बची हो जिनके ऊपर या आस पास होर्डिंग से न ढका गया हो। उधर नगरपालिका द्वारा होर्डिंग लगाने की कोई गाइडलाइन तैयार नही की है । जिसका कारण ठेकेदार अपनी मन मर्जी से जहाँ चाहा वही लगा दी।शहर मिशनरी के पास जो होडिंग लगाई गई है उनके माध्यम से लोगो ने अस्थाई रेस्टोरेंट खोल दिये है ।

जिस कारण आये दिन कोई न कोई घटना घटती रहती है।जब होडिंग द्वारा प्रचार के खेल को लेकर वर्तमान चेयरमैन के पति पूर्व चेयरमैन मनोज अग्रवाल से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया आज से 15 साल 30 हजार रुपये में पूरे शहर में होर्डिंग का ठेका दिया जाता था लेकिन वर्तमान में 2 लाख से का ठेका उठाया गया है। जब बात को नगरपालिका ईओ एसडीएम सदर अजीत सिंह ने बताया कि होर्डिंग लगाने का ठेका नगरपालिका द्वारा दो लाख से अधिक का दिया गया था।जो मार्च में समाप्त हो जायेगा लेकिन उस ठेकेदार ने अभी तक धनराशि भी जमा नही है।दूसरी तरफ ठेका लेने के जो मानक है उनको पूर्ण किया गया या नही उसकी भी जांच कराई जायेगी।अगले महीने में जो होर्डिंग के ठेके ई टेंडरिंग से ही दिए जायेंगे।

नगरपालिका में कभी होर्डिंग लगाने के दो ठेकेदार थे जिनमें आज भी न्यायालय में मुकदमा चल रहा है।लेकिन नगरपालिका के अधिकारियो और कर्मचारियो की मिलीभगत से एक ही आदमी को हर वर्ष का ठेका दे दिया जाता है।जिसका कोई मानक का भी निर्धारण नही है।यदि ठेका टेंडर डालकर उठाये जाए तो नगरपालिका के राजस्व में लगभग 40 प्रतिशत की आमदनी बढ़ सकती है।लेकिन ऐसा नही किया जा रहा है।

( रिपोर्ट- दिलीप कटियार ,फर्रुखाबाद )

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