अद्भुत कारनामाः सौ फीट ऊंचे पेड़ की पत्तियों पर बैठ योग-साधना करता है चमत्कारी बाबा

बहराइच– जनपद बहराइच में इन दिनों एक चमत्कारी बाबा द्वारा किये जा रहा अद्भुत कारनामा चर्चा का विषय बना हुआ है। 100 फुट ऊँचे पेड़ की सबसे ऊंची चोटी के ऊपर पत्तियों पर बाबा का बैठकर आसन लगाना कौतूहल बनता जा रहा है। 

ये बाबा कहाँ से आये हैं कहाँ के रहने वाले हैं ये किसी को पता नही है लेकिन विशालकाय अशोक के ऊँचे पेड़ पर बैठकर पूजा ,हवन , आरती करना तो हजारों लोगों ने देखा है पर बाबा पेड़ पर चढ़ते कब है कैसे चढ़ते हैं और कब पूजा करके उतरते हैं ये किसी ने नही देखा और सायद यही वजह है कि बाबा के प्रति लोगों में आस्था श्रद्धा बढ़ती जा रही है। कुछ लोग बाबा को हनुमान का रूप तो कुछ लोग भगवान का दूत मानने लगे हैं। चमत्कारी बाबा के बढ़ते चर्चे को सुनकर इलाक़ाई पुलिस भी मौके पर लगाई गई है ।

ये घटना रामगावँ क्षेत्र के बलासराय गांव की है जहां पर स्थित हनुमान मंदिर के पास लगे एक अशोक के पेड़ पर चमत्कारी बाबा का आसन लगता है। जमीन के बजाय सैकड़ों फिट ऊंचे पेड़ के पत्तियों के ऊपर अपना आसन लगाकर शयन करते हैं। सुबह वह पेड़ से नीचे उतर आते हैं। चमत्कारी बाबा के करतब को देख लोग हैरत में हैं। लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि यह बाबा का कोई चमत्कार है या ईश्वरीय वरदान। आलम ये है कि लोग बाबा को ईश्वरीय अवतार मान कर पूजा अर्चना व चढ़ावा भी चढ़ाते नजर आ रहे हैं।

आस पास के गाँव के लोगों से जब चमत्कारी बाबा के विषय मे पूछा गया तो लोगों का कहना है कि यहाँ पर बाबा जी कब आये ये किसी को नही पता। अचानक राह चलते गांव के किसी सख्श की नजर पेड़ पर गयी जहां ये देखा गया कि कोई सख्स ऊंचे पेड़ की पत्तियों पर बहुत ही आराम से आसन लगाए बैठा है और बीच बीच मे करवटें भी बदल लेता है। जब ये बात गांव में फैली तो तमाम ग्रामीण भी देखने के लिए जुट गए । बाबा के सभी करतबों को गांव के लोगों ने टार्च की रोशनी में देखा है बाबा को लोग देवदूत मानकर पूजा अर्चना करने की बात कहने लगे हैं ।

काफी प्रयास के बाद चमत्कारी बाबा से बात हो पाई, क्योंकि बाबा मीडिया के सामने नही आना चाहते थे। बाबा का कहना है कि मीडिया और पुलिस के लोग उन्हें परेशान करते हैं लेकिन बाबा ने बताया कि वो कश्मीर के रहने वाले हैं और ये साधना उन्हें बाल्यावस्था में ही मिली। जब बजरंगबली का आदेश होता है तो वो एक पल में 100 से 200 फुट पेड़ की पत्ती पर पहुँच जाते हैं और अपना आसन लगाते हैं बजरंगबली की पूजा करते हैं लेकिन जब उन पर बजरंगबली का साया आता है तो खुद नही जान पाते कि कब, कहाँ है ,क्या कर रहे हैं। ये उन्हें लोगों से ही पता चल पाता है। उन्होंने ये भी बताया कि ये कोई तंत्र मंत्र क्रिया नही है जो कभी भी किया जा सके।

(रिपोर्ट-अनुराग पाठक, बहराइच) 

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