फर्रुखाबाद — जिले में आबकारी विभाग अधिकारियों को त्यौहार पर कार्यवाही के नाम छापामारी केवल खुश करने के लिए कर रहे है। आबकारी विभाग के अधिकारियों की जानकारी में शराब की भट्टीयां चल रही है । आबकारी विभाग की टीम शराब को पकड़ने के लिए जाती है तो सभी काम करने वाले लोग बना हुआ माल अपने अपने घरों से हटा देते है।
जब इस कार्यवाही की तहकीकात की गई तो छापामारी होने के बाद से ही लोग अपने घरों में शराब बनाना शुरू कर देते है। जिसके लिए स्थानीय पुलिस का भी सहयोग रहता है। जिस कारण वह जहरीली शराब बनाने में मस्त रहते है।दूसरी तरफ देशी शराब की शक्ल की क्वाटर में जहरीली शराब भरकर भेजी जा रही है।लेकिन जब लोग आबकारी विभाग से शिकायत करते है। तो जिले की मुख्य सीट पर बैठे आबकारी अधिकारी शिकायतकर्ता से कहते हैं वह जगह बताओ जहां पर जहरीली शराब बनाई जाती है लेकिन जब वहां पहुंचते हैं तो यह कहकर मामला शांत कर देते है कि सरकारी ठेकेदार इस प्रकार की शराब नही बेच रहे है।जबकि खुलेआम बेची जा रही है।आबकारी विभाग यदि किसी शराब ठेके पर छापेमारी करते है तो किसी भी मीडिया को जानकारी नही देते है।उसके जब जानकारी हो जाती है तो शराब पीने बालो को पकड़कर जेल भेज देते है।जबकि असली कारोबारी को छोड़ देते है।जिससे शराब माफियाओं के हौसले बुलंद है। जो शराब जिले में बेची जा रही है उसकी लागत बहुत ही कम आती है जबकि बिक्री चौगनी होती है।
आबकारी अधिकारी टी आर वैश्य ने बताया कि जहरीली व कच्ची शराब के लिए जिले में चार टीम बनाई गई है वह लगातार छापेमारी कर रही है।जो सरकारी ठेके चल रहे उनपर किसी प्रकार से नकली शराब इसलिए नही बेची जा सकती है क्योंकि सभी की चेकिंग हर हफ्ते की जा रही है।
(रिपोर्ट- दिलीप कटियार,फर्रुखाबाद)