महोबा — एक तरफ जहां सरकार जनकल्याणकारी योजनाओं में पारदर्शिता लाकर भ्रष्टाचार धांधली व कमीशनखोरी पर लगाम लगाने का प्रयास कर रही है। वहीं दूसरी ओर आज भी सरकारी योजनाओं में कमीशनखोरी का खेल बदस्तूर जारी है।
दरअसल ताजा मामला महोबा जिले के खरेला थाना क्षेत्र के कुआँ बारी गांव का है। जहां प्रधान प्रतिनिधि पर आरोप है कि उसने प्रधानमंत्री आवास के नाम पर एक दलित महिला से 5 हजार रुपये एडवांस लिए थे और आवास की रकम मिलने के बाद 15 हजार और लेने की बात तय की थी। जब महिला ने पैसे देने में असमर्थता जताई तो प्रधान प्रतिनिधि भरत राजपूत व राजकुमार यादव दलित महिला के घर में घुसकर पीटा और तमंचे की नोक पर महिला को घसीटकर बाहर ले आए तथा कमीशन के रुपए ना देने पर जान से मारने की धमकी देने लगे।
वहीं धमकी से डर महिला ने पूरे मामले की सूचना डायल 100 पर दी तो मौके पर पहुंची डायल 100 टीम ने दोनों आरोपियों को पकड़ लिया और थाने ले जाने की बात कहकर वहां से निकल आए। महिला का आरोप है कि 100 नंबर पुलिस ने दबाव बनाकर राजीनामा का प्रयास किया और पैसे लेकर आरोपियों को रास्ते में ही छोड़ दिया।
आलम यह है कि पुलिस उल्टा पीड़िता पर ही दबाव बनाकर राजीनामा करवाने का प्रयास कर रही है ।अब बड़ा सवाल यह है कि आखिर प्रधानमंत्री आवास योजना में हो रही कमीशनखोरी के साथ ही दलितों पर हो रहे अत्याचारों को रोकने में प्रशासन क्यों नाकाम है ?
(रिपोर्ट- तेज प्रताप सिंह, महोबा)