सीतापुर — जिनकी आंखे नहीं होती, उन्हें कुछ नजर भले नहीं आता, पर ख्वाब वो भी देखते हैं। यह जानते हुए कि उनका ख्वाब हकीकत में बदले। यह बहुत कठिन कार्य है, फिर भी वह सूरज की रोशनी, सावन की हरियाली और अपनो की सूरत देखने का ख्वाब देखते हैं।
वहीं सीतापुर की सक्षम संस्था ने उनके सपनों को सच करने का बीड़ा उठाया। कठिन डगर पर भी धीरे-धीरे लगातार मेहनत के बाद सीतापुर के लोग नेत्रदान के प्रति जागरूक हुए। अब तो शहर में लगातार नेत्रदान हो रहा है, जिसमें एक नेत्रदानी शंकर लाठ का नाम भी जुड़ गया।
दरअसल सक्षम संस्था के मीडिया प्रभारी विकास अग्रवाल ने बताया कि स्टेशन रोड़ निवासी शंकर लाल लाठ उम्र 75 वर्ष का निधन कल शाम 6 बजे हो गया था। उनके पुत्र अंजनी लाठ व मनीष लाठ ने सक्षम संस्था को फोन कर नेत्रदान करवाने हेतु कहा। वहीं संस्था के सुभाष चन्द्र अग्निहोत्री, संदीप भरतिया, मुकेश अग्रवाल व अक्षत अग्रवाल ने आंख अस्पताल सीतापुर जाकर डाक्टरों की टीम का गठन करवाया।
डाक्टरों की कुशल टीम ने रात 10 बजे स्व. लाठ की दोनों कार्निया सुरक्षित कर ली। जो दो लोगों के जीवन में सूरज की रोशनी बनकर उजाला करेगी। अध्यक्ष संदीप भरतिया ने बताया कि नेत्रदानी के परिवार ने बहुत ही दुखद घड़ी में भी परोपकार की भावना से दो लोगों के जीवन में खुशियां भर दी। महामंत्री मुकेश अग्रवाल ने कहा कि सीतापुर के लोग ही नहीं, अपितु पूरे जनपद से व आस-पास के जिलों से भी संस्था नेत्रदान करवा रही है। अक्षत अग्रवाल ने बताया कि यह 173वां नेत्रदान हुआ है।
(रिपोर्ट- सुमित बाजपेयी,सीतापुर)