औरैया– एक सच्चा फ़ौजी वही होता है जो देश की सेवा करता है।फिर चाहे वह सेवानिवृत्त क्यो न हो गया हो।जी हाँ ऐसा ही कर रहे है औरैया के धौरेरा गांव के रहने वाले रिटायर्ड फौजी रामसहाय राजपूत गांव के बच्चों को योग सिखाकर।
वैसे तो योग का महत्व प्राचीन काल से चला आ रहा है लेकिन योग को महत्व देने वालों की संख्या कम है,लेकिन कम महत्व देने वालों में रहकर इस फौजी ने जो योग के प्रति अलख जगाई है वह तारीफे काबिल है। सरकारी सेवा से निवृत होने के बाद कोई पुनः नौकरी की तलाश करता है तो कोई खेती किसानी में रम जाता है लेकिन एक सैनिक ने इन सब से हटकर देश का भविष्य कहे जाने वाले ननिहाल के भविष्य बनाने की ठानी।ग्राम धौरेरा के रहने वाले रामसहाय राजपूत एयरफोर्स से रिटायर्ड होने के बाद अपने मन में देश की सेवा का भाव लिए हुए कुछ समाज के लिए करना चाहते थे और एक दिन उन्हें टीवी देखने के दौरान योग सिखाने की सीख मिल गयी।वह गांव के बारात घर मे सुबह अकेले ही योग करने लगे।
जब वह रोजाना योग करते तो बच्चे उन्हें देखकर हँसते थे और उन्होंने उन हँसते हुए बच्चों को अपनी ओर आकर्षित कर निःशुल्क योग सीखना शुरू कर दिया।जब उन्होंने शुरुआत की थी दो मात्र 2 ही बच्चे उनके साथ योग सीखते थे लेकिन आज बच्चों सहित समूचा गांव उनके योगशाला का हिस्सा है।आसपास के गांव में यह योगशाला चर्चा का विषय बनी हुई है।योग सीखने वाले बच्चे फौजी को योग वाले गुरु जी के नाम से पुकारते है।
मनुष्य के शरीर के लिए योग का महत्व अति आवश्यक है लेकिन लोगों में जागरूकता के कारण योग का महत्त्व कम देने वालो की संख्या ज्यादा है।प्रधानमंत्री मंत्री नरेंद्र मोदी ने योग को महत्व देने के लिए 21 जून को विश्व योग दिवस का आयोजन किया।जो कि आज पूरे देश मे मनाया जा रहा है।लेकिन फौजी रामसहाय ने ठान लिया है कि वह अपनी योग की पाठशाला से इतने फौजी तैयार करेंगे कि योग के अलख की ज्योति देश के हर कोने कोने तक फैले।
(रिपोर्ट- वरुण गुप्ता, औरैया )