कानपुर– सरकारी महकमे और काला कारोबार करने वालों के बीच किस तरह की सेटिंग गेटिंग का खेल होता है। यह कानपुर में हुई खाद्य विभाग की छापेमारी से उजागर होता है।
एसटीएफ और खाद्य विभाग के अधिकारियों ने जिस फैक्ट्री में छापेमारी की उसे आज से तीन महीने पहले ही सीज किया जा चुका था। जिसकी जानकारी होते ही जिले के प्रशासनिक अमले में हड़कम्प मच गया। आपको बताते चलें कि कानपुर के गोविंद नगर स्थित संगम घी प्रोडक्शन फैक्ट्री में सूचना मिलने पर खाद विभाग ने एसटीएफ के साथ छापेमारी की; जहां सैम्पल जप्त करने के दौरान एक बड़ा खुलासा हुआ। जिसमे अधिकारियों ने जिस संगम घी प्रोडक्शन में छापेमारी की थी। उसमे तीन महीने पहले जिले के एफडीए विभाग ने नकली घी बनाने के आरोप में सील कर दिया था। साथ ही लाइसेंस रद्द किए जाने की अपील कर रखी थी; लेकिन लोकतंत्र में सेटिंग के खेल के आगे संगम घी के मालिक ने बड़ा गेम खेल डाला और फर्जी कागजात बनाकर कंपनी का नाम संगम जुबली शिवाय के नाम से कम्पनी का संचालन करना शुरू कर दिया।
खुलासा होने पर हरकत में आये अधिकारियों ने अपनी छापेमारी की रूपरेखा को बदला और प्रोडक्शन गोदाम को पुनः सील करते हुए बड़ी मात्रा में पॉम ऑयल, एसेंस ऑयल समेत केमिकल को जप्त करते हुए उसकी बिक्री में रोक लगाने का काम किया। साथ ही 420 की कार्रवाई करते हुए सरकारी प्रक्रिया से खिलवाड़ की कार्रवाई भी की।
(रिपोर्ट- दुर्गेश मिश्रा, कानपुर )