निजीकरण के विरोध में विद्युत विभाग के अधिकारी, कर्मचारी पूरे 36 दिन धरना दिया और निजीकरण का विरोध किया इसके बाद प्रदेश सरकार के मंत्रियों के साथ विद्युत विभाग के प्रतिनिधिमंडल के साथ हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि 15 जनवरी तक विद्युत विभाग के कर्मियों को मौका दिया जाता है।
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अगर कार्यप्रणाली में सुधार आया तो इस प्रस्ताव पर निर्णय लिया जाएगा। वही फतेहपुर में विद्युत विभाग में लगे मीटर रीडर अपना खेल एक बार फिर शुरू कर दिया है सूत्रों की माने तो अलग-अलग मोहल्लों में जिसमें अमरजई, शांति नगर, पक्का तालाब, ज्वालागंज, खंभापुर, शादीपुर, राधानगर में यह मीटर रीडर अपनी मनमर्जी से कुछ-कुछ घरों में रीडिंग निकालकर उपभोक्ताओं को विद्युत बिल थमा देते थे ।हालांकि इसमें उपभोक्ताओं की भी सहमति होती थी और इसी के चलते मीटर रीडर अपनी पव बारह कर लेते थे। यह क्रम बदस्तूर जारी रहा लेकिन अब विद्युत विभाग के आला अधिकारियों की निगाह पैनी होने पर इन विद्युत रीडरों पर जैसे ही तलवार लटकी तो इन लोगों में खलबली मच गई और विद्युत विभाग के ही कुछ तथाकथित कर्मचारियों को मिलाकर या यूं कहें कुछ अपने करीबियों को लेकर यह विद्युत रीडर जो संविदा कर्मी है या यूं कहें कि किसी कंपनी द्वारा इनको रखा गया है जिनका विद्युत विभाग से समझौता हुआ होगा उनके साथ उपभोक्ताओं के घरों में पहुंचकर अब मीटर बदलने की बात कह रहे हैं।
यानी कि पहले मीटर रीडिंग लेने में हर महीने अपना खेल किया और राजस्व को चूना लगाया अब उस मीटर को बदलकर एक बार फिर से राजस्व को चूना लगाने की तैयारी कर रहे हैं।यह लोग घर-घर जाकर जहां पर सेटिंग किया था जहां भारी भरकम विद्युत का बिल आना चाहिए उन घरों में जाकर उपभोक्ताओं से यह कह रहे हैं कि जल्द से जल्द अपना मीटर बदलवा लीजिए नहीं तो रिकवरी हो सकती है।अब इस खेल में भी विद्युत विभाग के कर्मी साथ दे रहे हैं यही कारण है कि सुबह होते ही यह संविदा विद्युत रीडर घर-घर जाकर कुंडी खटखटा रहे हैं और कह रहे हैं जल्द से जल्द अपना मीटर बदलवा लीजिए नहीं तो आप के खिलाफ मुकदमा हो जाएगा हालात यह हैं उपभोक्ता भी यह सोच रहा है कि वह पिछले कई वर्षों से जहां कम रीडिंग के बदौलत विद्युत विभाग में कम पैसा हर महीने दे रहा था अब उसी मीटर रीडर के बदौलत वह मीटर बदलवा कर एक बार फिर से ठाट से विद्युत का उपयोग करेगा ।
अब बड़ी बात यह है कि ऐसे रीडर जो खुद विद्युत विभाग को चूना लगाने का काम कर रहे हैं और उनका विद्युत विभाग के ही कुछ लोग साथ दे रहे हैं तो फिर कैसे विद्युत विभाग की कार्यप्रणाली में सुधार होगा यह अपने आप में एक बड़ा सवाल है ।हालांकि विद्युत विभाग के आला अधिकारियों की निगाह पैनी होने के बाद विद्युत रीडरों में भी अफरा-तफरी मची है और इस बात को लेकर भी हड़कंप मचा है कि उनके द्वारा किए जा रहे कार्यगुजारियों का आला अधिकारियों को पता न चल जाए।