तेंदुए की मौत से खत्म हुआ आतंक ,पुलिस संग ग्रामीण ने भी चलाई थी गोली

लखनऊ — आशियाना के औरंगाबाद खालसा में गुरूवार सुबह रिहायशी क्षेत्र में  तेंदुए की दस्तक से पूरे क्षेत्र में  लगभग पच्चास घंटे आतंक व अफरा तफरी के बीच शनिवार सुबह आशियाना पुलिस की गोलीयों का शिकार बना तेंदुआ मौत की नींद सो गया ।

तेंदुए की हुई हत्या के बाद औरंगाबाद खालसा में आम जन जीवन सामान्य हो गया और रविवार सुबह पूरे गाँव में सन्नाटा पसरा रहा । वहीं स्थानीय लोगो के अंदर  में सरकार प्रति भी आक्रोश साफ झलक रहा था और तेंदूये के हमले से जख्मी हुये लोगो को सरकार से इलाज व मदद की दरकार साफ़ देखी जा सकती थी । वहीं स्थानीय पुलिस के सह पर क्षेत्र के कुछ अराजकतत्व रविवार सुबह लगभग 8 बजे क्षेत्र में  दैनिक समाचार पत्र के हाकरों से अभद्रता की और अखबार छीन लिया और गाँव से भगा दिया । वही रविवार कुछ वन्यजीव व वन्य सम्पदा प्रेमियों ने तेंदुए की नृशंस हत्या की स्वतंत्र एजेंसी से निष्पक्ष जांच की मांग की ।

तेंदुए का आतंक खत्म , गाँव में पसरा सन्नाटा :

औरंगाबाद खालसा गाँव में तीन दिनों से जहाँ तेंदुए के आतंक के बीच हजारों लोगो की मौजूदगी दर्ज हो रही थी और गाँव में मेले जैसे माहौल बना हुआ था , ठेलों पर दुकानें सज गई थी । तीन दिनों से चौबीसों घन्टो वन विभाग , पुलिस व स्थानीय प्रसाशन के कर्मचारियों व अधिकारियों की आमद साफ़ देखी जा सकती थी  वही रविवार सुबह से ही पूरे गाँव में सन्नाटा पसरा रहा बड़े व बूढ़े व बच्चे बेफिक्र हो अपने घरों से बाहर घुमते नजर आए ।

इंस्पेक्टर आशियाना संग ग्रामीण युवक ने भी चलाई थी गोली :

शनिवार सुबह आशियाना थाना  क्षेत्र के औरंगाबाद खालसा गाँव में इंस्पेक्टर आशियाना ने झूठी शान में तेंदुए से आमने सामने की मुठभेड़ बता कर तेंदुए की हत्या कर दी थी । वही कुछ प्रत्यक्षदर्शियों का कहना था कि सीमेंट शेड से बनी जिस छत पर छुपे तेंदुए को इंस्पेक्टर आशियाना व उनकी टीम निशाना बना रही थी ठीक उसी छत से सटे पक्के मकान की छत से ऊपर से एक युवक भी तेंदुए पर गोली चलाता देखा गया । लेकिन इस बात को स्थानीय पुलिस व युवक और युवक परिजनों द्वारा छुपाई गई ।  शनिवार को हुई तेंदुए की मौत की वजह और किस बोर की कितनी गोली लगी यह जांच का विषय है लेकिन इस बिंदु पर सब मौन है इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए की तेंदुए को किस बोर की गोली लगी । 

स्थानीय पुलिस ने अपनी कूट रचित चालों से ग्रामीणों को  बहका अपने पक्ष में खड़ा करने का काम किया । औरंगाबाद खालसा के ग्रामीणों ने रविवार को कहा कि यदि इंस्पेक्टर आशियाना त्रिलोकी सिंह व किसी भी पुलिस कर्मी के खिलाफ सरकार ने यदि कोई कार्यवाही की तो औरंगाबाद खालसा के ग्रामीण इंस्पेक्टर त्रिलोकी सिंह के समर्थंन में  सडको पर उतर कर उग्र प्रदर्शन करेंगे और सरकार को हिला कर रख देंगे । 

वन्य जीवों व वन्य सम्पदा पर काम करने वाली संस्था नलवा सेवा संस्थान के अध्यक्ष व वन्य जीव प्रेमी अंशुमान दुबे ने वन विभाग के द्वारा हुई चूक व पुलिस इंस्पेक्टर की कायराना हरकत पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए कहा कि आखिर किन परिस्थितियों में दुर्लभ व श्रेणी – 1 संरक्षित बेजुबान प्राणी तेंदुए पर इंस्पेक्टर आशियाना त्रिलोकी सिंह के द्वारा गोली चलाई गई जबकि मकान के 7-8 फुट ऊँचे सीमेंट शेड पर छुपे तेंदुए को गोली मारने की जगह ट्रेंकुलाइज भी किया जा सकता था । तेंदुआ चूँकि इंशानो से दूर जंगल में रहने वाला वन्य जीव है यह सब जानते हुए भी स्थानीय प्रशासन तीन दिनों तक सर्च स्थल के इर्द गिर्द जमा हजारों की संख्या में इंशानो की हटाने में नाकाम रहा । जिससे सर्च स्थल पर एकत्र हजारों लोगो का शोरगुल सुन कर जाल से भागना तेंदुए की मजबूरी सी बन गई । इस घटना की स्वतंत्र एजेंसी से जांच करवा कर दोषयों के खिलाफ ऐसी शख्त करवाही होनी चाहिए की आने वाले समय में नजीर बन जाए ।

(रिपोर्ट – अंशुमान दुबे , लखनऊ )

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