स्पोर्ट्स डेस्क — ऑस्ट्रेलिया ने उस्मान ख्वाजा के सीरीज में दूसरे शतक, लेग स्पिनर एडम जंपा की शानदार गेंदबाजी (46 रन देकर 3 विकेट) और भारत की प्रयोगधर्मिता का पूरा फायदा उठाकर…
पांचवें और निर्णायक एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में बुधवार को यहां 35 रन से जीत दर्ज करके 10 साल बाद भारतीय सरजमीं पर वनडे श्रृंखला 3-2 से अपने नाम की, वह भी तब जबकि पहले 2 मैच वह हार गया था। इसी के साथ ही वर्ल्ड कप से पहले टीम इंडिया की पोल खुलकर सामने आ गई।वहीं हार के साथ ही भारतीय क्रिकेट टीम पर सवाल उठने लगे है।
बता दें कि अगले महीने 23 अप्रैल तक वर्ल्ड कप के लिए अंतिम-15 खिलाड़ियों के नाम देने हैं। ऐसे में कोच रवि शास्त्री और कप्तान विराट कोहली के पास 40 से ज्यादा दिनों का समय है।
भारत का कमजोर बैटिंग लाइनअप भी इस सीरीज से उजागर हुआ- नंबर-4 और नंबर-5 का स्थान। इन दोनों स्थानों के दावेदार अंबाती रायुडू और लोकेश राहुल को दिल्ली वनडे के लिए टीम में शामिल नहीं किया गया। ऋषभ पंत (विकेटकीपर बल्लेबाज) को शानदार मौका मिला लेकिन वह अपने घरेलू मैदान पर केवल 16 रन ही बना सके।
इतना ही नहीं, नंबर-5 पर उतरे विजय शंकर भी कुछ खास नहीं कर सके और वह 21 गेंदों पर 16 रन बनाकर चलते बने। ऐसे में सवाल उठते हैं कि क्या नंबर-4 पर धोनी का स्थान और पक्का होगा? और दिनेश कार्तिक को पंत पर तरजीह देते हुए उन्हें बैकअप कीपर के तौर पर टीम में जगह मिलेगी?
हालांकि फिरोजशाह कोटला में केवल दो बार (1982 और 1996) ही कोई टीम 250 से अधिक का लक्ष्य सफलतापूर्वक हासिल कर पाई। ऑस्ट्रेलिया का टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला सही रहा और केवल 4 विशेषज्ञ बल्लेबाजों के साथ उतरे भारत के लिए 273 रन का लक्ष्य पहाड़ जैसा बन गया।
शुरू में रोहित शर्मा (89 गेंदों पर 56 रन) की अर्धशतकीय पारी तथा बाद में केदार जाधव (57 गेंदों पर 44 रन) और भुवनेश्वर कुमार (54 गेंदों पर 46 रन) ने सातवें विकेट के लिए 91 रन जोड़कर उम्मीद जगाई लेकिन भारत आखिर में 50 ओवर में 237 रन पर आउट हो गया। जंपा ने 46 रन देकर 3 जबकि तेज गेंदबाज पैट कमिन्स, जॉय रिचर्डसन और मार्कस स्टोइनिस ने दो-दो विकेट लिए।
इससे पहले ख्वाजा ने 106 गेंदों पर दस चौकों और दो छक्कों की मदद से 100 रन बनाए। उन्होंने कप्तान आरोन फिंच (43 गेंदों पर 27 रन) के साथ पहले विकेट के लिए 76 और पीटर हैंड्सकांब (60 गेंदों पर 52 रन) के साथ दूसरे विकेट के लिए 99 रन की दो उपयोगी साझेदारियां की। भारत ने अच्छी वापसी की लेकिन पुछल्ले बल्लेबाजों ने अंतिम चार ओवर में 42 रन जुटाए, जिससे ऑस्ट्रेलिया नौ विकेट पर 272 रन के चुनौतीपूर्ण स्कोर तक पहुंच गया।
ऑस्ट्रेलिया ने इससे पहले 2009 में भारतीय सरजमीं पर छह मैचों की श्रृंखला 4-2 से जीती थी। इस बार उसने पहले दो मैच गंवाने के बाद लगातार तीन मैच जीतकर श्रृंखला 3-2 से अपने नाम की। यह वनडे में पांचवां अवसर है जबकि किसी टीम ने पहले दो मैच हारने के बाद श्रृंखला जीती।