फर्रूखाबाद–टीबी के रोगी की प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण विभिन्न बीमारियों से ग्रसित होने का खतरा बढ जाता है।प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखने के लिए जरूरी है कि टीबी के रोगी को बेहतर खुराक मिले।
इसके लिए टीबी के मरीजों को बेहतर पोषण की जरूरत होती है। इसलिए सरकार की ओर से मरीजों को निक्षय पोषण योजना के तहत हर माह पांच सौ रूपए की मदद दी जाती है।जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ सुनील मल्होत्रा ने बताया कि अप्रैल,2018 से टीबी के मरीजों को यह राशि उनके खाते में दी जा रही है। जनपद में यह मदद पा रहे मरीजों की संख्या 2,136 है। अब तक लगभग47लाख रूपए का भुगतान इस मद में किया जा चुका है। डॉ सुनील ने कहा कि 18 वर्ष से कम उम्र के टीबी रोगियों को गोद लेने के लिए सरकारी बिभाग के अलावा अन्य लोगों को भी आगे आना चाहिए जिससे उनके इलाज के साथ साथ उचित पोषण भी मिल सके |
डीटीओ ने कहा कि यह राशि प्राप्त करने के लिए मरीज को केवल अपनी बैंक पासबुक की कॉपी और आधार कार्ड देने की जरूरत होती है जिसके बाद विभाग से सीधे मरीज के खाते में हरमाह पांच सौ रूपए भेज दिए जाते हैं, यह राशि उसे बेहतर खानपान के लिए उपलब्ध कराई जाती है।
डीटीओ नेकहा कि मरीज केअलावा टीबी के मरीज को पहचान कर अस्पताल तक लाने और उसका उपचार कराने वाले को भी पांच सौ रूपए दिए जाने की व्यवस्था है। साथ ही यह भी कहा कि सन 2012 में टी बी को ध्यान देने योग्य रोग घोषित किया गया था जिससे यह ज़रूरी बन जाता है की हर टी बी के मरीज़ की जानकारी सरकार को दी जाए चाहे वह सरकारी स्वास्थ केंद्र या फिर निजी अस्पताल में उपचार करवा रहा हो| डीटीओ ने बताया कि 1 अप्रैल 2018 से अब तक स्वास्थ्य विभाग ने लगभग 7 हजार टीबी के रोगी चिन्निहित किये हैं जिनका इलाज चल रहा है |
विभाग को रिपोर्ट न करने पर होगी एफआईआर :
डीटीओ ने बताया कि कोई भी डाक्टर यदि टीबी के मरीज का उपचार करता है और क्षय रोग बिभाग को रिपोर्ट नहीं करता, तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। इसमें दो वर्ष तक के कारावास की सजा का प्रावधान है। निजी क्षेत्र के डाक्टर टीबी के मरीज को चिन्हित करके क्षय रोग विभाग को भी भेज सकते हैं।विभाग उनका निशुल्क उपचार करेगा।
(रिपोर्ट-दिलीप कटियार, फर्रूखाबाद)