अपने जमाने के मशहूर अभिनेता और कॉमेडियन के तौर पर एक अलग पहचान बनाने वाले जगदीप का 81 साल की उम्र में निधन हो गया. वो कैंसर और उम्र संबंधी बीमारियों से पीड़ित थे.
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सैयद इश्तियाक अहमद जाफरी उर्फ जगदीप का जन्म 1939 में हुआ था और उन्होंने एक बाल कलाकार के तौर पर बी. आर. चोपड़ा की फिल्म अफसाना से हिंदी फिल्मों में काम करने की शुरुआत की थी. इसके बाद बतौर बाल कलाकार उन्होंने अब दिल्ली दूर नहीं, मुन्ना, आर-पार, लैला मजनू, दो बीघा जमीन और एक पंछी एक डाल के जैसी फिल्मों में भी काम किया.
बाद में जगदीप ने भाभी, बरखा, बिंदिया जैसी फिल्मों में बतौर लीड हीरो काम किया, लेकिन उनकी पहचान एक कॉमेडियन के तौर पर बनी. 1975 में सुपरहिट फिल्म ‘शोले’ में निभाया सूरमा भोपाली का किरदार आज भी लोगों के जेहन में जिंदा है.
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पंजाब के अमृतसर में जन्मे जगदीप ने फिल्म ब्रह्मचारी से खुद को एक कॉमेडियन के तौर पर स्थापित किया और फिर तेजी से उनकी पहचान एक जाने-माने कॉमेडियन की बन गयी. उनकी आखिरी फिल्म गली गली चोर है थी, जो साल 2012 में रिलीज हुई थी. उन्होंने सूरमा भोपाली नामक एक फिल्म का निर्देशन भी किया था.
जगदीप ने तीन बहूरानियां, खिलौना, फुद्ददू, सास भी कभी बहू थी, गोरा और काला, बिदाई, आईना, एजेंद विनोद, युवराज, सुरक्षा, एक बार कहो, फिर वही रात, मोर्चा, कुर्बानी, पुराना मंदिर, शहंशाह, फूल और कांटे, अंदाज अपना अपना, चायना गेट जैसी सैंकड़ों फिल्मों में अभिनय कर लोगों का मनोरंजन किया. बाद में उनके बेटों – जावेद जाफरी व नावेद जाफरी और उनके पोते मिजान जाफरी ने भी अभिनय की दुनिया में कदम रखा. जगदीप का अंतिम संस्कार उनके घर के पास सुबह 8 बजे उनके परिजनों और बेहद करीबी लोगों के बीच किया गया.