बहुचर्चित मधुमिता हत्याकांड में जेल में बंद यूपी के पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी (Amarmani Tripathi) और उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी की समय से पहले रिहाई पर सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल रोक लगाने से इंकार कर दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने कवयित्री मधुमिता शुक्ला की बहन निधि शुक्ला की याचिका पर यूपी सरकार को नोटिस जारी कर 8 हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश जारी किया है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि अगर हम आपकी बात से सहमत होंगे तो उन्हें दोबारा जेल भेज देंगे।
अच्छे आचरण के आधार पर रिहा करने की अपील
बता दें कि कवयित्री व अमनमणि (Amarmani Tripathi) की प्रेमिका मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में दोषी करार दिए जाने के बाद उम्रकैद की सजा काट रहे पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी की समय पूर्व रिहाई की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। जेल प्रशासन ने राज्यपाल को अमरमणि और मधुमणि के अच्छ आचरण के आधार पर रिहा करने की अपील की गई थी। जिसके बाद दोनों गोरखपुर जेल से रिहा कर दिए जाएंगे, जहां ये दोनों 16 साल से अधिक समय से बंदी हैं। दोनों को अच्छे आचरण के आधार पर समय से पहले रिहाई का आदेश दिया गया है।
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वहीं फैसले के बाद कवयित्री मधुमिता शुक्ला की बहन निधि शुक्ला रो पड़ी। दरअसल इस मामले में मधुमिता शुक्ला की बहन निधि शुक्ला सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर आपत्ति दर्ज की थी। निधि ने कहा था कि आज इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है तो सरकार कैसे अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी की रिहाई का आदेश दे सकती है।
जानें पूरा मामला
कवयित्री मधुमिता शुक्ला की 9 मई 2003 को लखनऊ के पेपरमिल कॉलोनी में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी, पत्नी मधुमणि त्रिपाठी समेत चार लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। दोनों 16 साल से अधिक समय से बंद थे। अमरमणि ने समय से पहले रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में दया याचिका दायर की थी। जिस पर उत्तर प्रदेश सरकार ने रिहाई का आदेश दिया है।
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