सुप्रीमकोर्ट आतंकियों की करती है सुनवाई,बिना फैसले के बनेगा राममंदिर – वेदांती 

श्रावस्ती  — सुप्रीम कोर्ट पर विश्वास नही, उसके पास सिर्फ आतंकवादियों को रिहा करने और संविधान के विपरीत फैसला सुनाने का समय है। राम मन्दिर निर्माण पर फैसला देने का समय नही है।

अगर सुप्रीम कोर्ट फैसला नही देती तो भी राम मन्दिर का निर्माण शीघ्र ही किया जाएगा। मंदिर पर अगर अध्यादेश आयेगा तो सिर्फ भाजपा और शिवसेना ही उसका समर्थन करेगी बाकी कोई भी राजनैतिक पार्टी उसके समर्थन में नही आएगी ये बात किसी और ने नही बल्कि राममन्दिर न्यास के कार्यकारी अध्यक्ष रामविलास दास वेदान्ती ने कही है।

उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले के भुजंगा गांव में एक धार्मिक कार्यक्रम में शिरकत करने आये पूर्व सांसद और श्री रामजन्मभूमि न्यास के कार्यकारी अध्यक्ष रामविलास दास वेदान्ती ने आज 6 दिसंबर को मीडिया से मुखातिब होते हुए सुप्रीमकोर्ट को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के पास आतंकवादियों को मुक्ति करने के लिए 12 बजे रात में भी समय है।

भारतीय संविधान के विपरीत विवाहित हिंदू महिलाएं किसी भी पुरूष से सम्बद्ध बना सकती है। ऐसे फैसले के लिए कोर्ट है लेकिन जो सही है जहां राम का जन्म हुआ जहां हर चीज़ राम के नाम पर है तो आखिर वहां मन्दिर क्यों नही बन सकती है।अयोध्या में बाबर कभी नही आया। अयोध्या में बाबर के नाम का कोई चिन्ह नही है। और 6 दिसम्बर 1992 को जब हमने ढाँचा तुड़वाया था। तब वहां कोई मस्जिद नही थी।

वह रामजन्मभूमि का हिस्सा था जहां पर राम जी की मूर्ति, हनुमानजी की मूर्ति मिली,लेकिन तब भी मन्दिर का निर्माण नही हुआ हमे सुप्रीम कोर्ट के ऊपर विशवास नही है और अगर वह समय से फैसला सुनाती है तो ठीक है नही तो हम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिन्दू मुस्लिम बैठ कर इसका फैसला करेंगे।और 2019 के चुनाव से पहले एक भव्य मंदिर का निर्माण करेंगे।

(रिपोर्ट-अनुराग पाठक,श्रावस्ती)

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