न्यूज डेस्क — ताजमहल के बदलते रंग को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एकबार फिर से चिंता जाहिर की है। कोर्ट ने पीले से भूरा रंग होने संबंधी फोटो देख कर आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया से पूछा कि ये क्या हो रहा है? ताजमहल के बदलते रंग को लेकर कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को फटकार लगाई।
इस बाबत यूपी सरकार और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग से जवाब मांगा गया है। करीब दो महीने पहले सुप्रीम कोर्ट ताज को पर्यावरण से हो रहे नुकसान से बचाने के उपायों का विजन डॉक्यूमेंट दायर न करने पर नाराजगी जाहिर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार से कहा था कि ताजमहल की सुरक्षा के लिए इसके आसपास पौधे लगाएं और विजन डॉक्यूमेंट जमा करे। इसके अलावा इलाके में चमड़े और कांच की बढ़ती फैक्ट्रियों पर भी जानकारी मांगी गई थी।सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि ताजमहल को लेकर कोर्ट चिंतित है।
सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा था कि ताज के आसपास होटल, फैक्ट्री इत्यादि की बाढ़ सी आ गई है। पेड़ काटे जा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब तक सरकार उनके समक्ष विजन डॉक्यूमेंट दायर नहीं करती, तब तक ताज के आस-पास किसी भी तरह के निर्माण की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। चाहे आगरा वाटर सप्लाई की पाइपलाइन का ही मसला क्यों न हो। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि अगर पाइपलाइन बिछाने के लिए बहुत बड़ी मात्रा में पेड़ काटे जाते हैं और उनकी जगह पर नए पौधे लगाने के लिए जगह ही नहीं है।
इसके लिए क्या कहना चाहेंगे आप? इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से अब तक ताजमहल के आसपास काटे गए पेड़ों की संख्या की जानकारी मांगी। यूपी सरकार ने ताजमहल के संबंध में सभी जांच करने और कोर्ट में जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट इससे पहले भी ताजमहल के बदलते रंग को लेकर कई बाद टिप्पणी कर चुका है।