लखनऊ–केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने उत्तर प्रदेश की सात चीनी मिलों की बिक्री के मामले में कथित धांधली को लेकर जांच शुरू कर दी है। इस मामले में जांच एजेंसी ने सात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है।
पूर्ववर्ती बसपा सरकार में 21 सरकारी चीनी मिलों को औने-पौने दामों में बेचने में हुए करीब 1100 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच सीबीआई ने शुरू कर दी है। योगी सरकार की सिफारिश पर सीबीआई की राजधानी स्थित एंटी करप्शन ब्रांच ने इसका केस दर्ज कर लिया है जिसमें सात लोगों को नामजद किया गया है। सीबीआई ने यह केस सात बंद पड़ी चीनी मिलों को बेचने में हुए घोटाले की जांच सीरियस फ्रॉड इंवेस्टिगेशन आर्गनाईजेशन (एसएफआईओ) की रिपोर्ट के आधार पर किया है जबकि बाकी 14 चीनी मिलों की बिक्री में हुए घोटाले की जांच के लिए छह प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज की गयी हैं।
एसएफआईओ की रिपोर्ट मिलने के बाद प्रदेश सरकार की ओर से राज्य चीनी निगम के एमडी ने इस मामले की एफआईआर राजधानी के गोमतीनगर थाने में दर्ज करायी थी जिसमें सात लोगों को फर्जी दस्तावेजों के सहारे सात चीनी मिल खरीदने का आरोपी बनाया गया था। बताते चलें कि ये चीनी मिलें देवरिया, बरेली, लक्ष्मीगंज, हरदोई, रामकोला, छितौनी और बाराबंकी में है।