उत्तर प्रदेश बिना मान्यता के चल रहे स्कूलों (schools running without recognition) की अब खैर नहीं, ऐसे स्कूलों पर गाज गिरना तय है। दरअसल योगी सरकार ने ऐसे स्कूलों पर 1 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाने और कानूनी कार्रवाई करने का फैसला किया है। इसके लिए राज्य सरकार 10 अक्टूबर तक प्रदेश के सभी जिलों में बड़े पैमाने पर अभियान चलाएगी ताकि ऐसे स्कूलों की पहचान की जा सके जो बिना मान्यता के संचालित हो रहे हैं या उनकी मान्यता रद्द कर दी गई है।
इसके बाद इन स्कूलों को कानूनी कार्रवाई के साथ-साथ 1 लाख रुपये तक का जुर्माना भी झेलना पड़ सकता है। साथ ही, उल्लंघन जारी रहने पर प्रतिदिन 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया जाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार 14 वर्ष की आयु तक के बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के लिए सहायता प्राप्त जूनियर हाई स्कूल, प्राथमिक और जूनियर हाई स्कूल, साथ ही मान्यता प्राप्त प्राथमिक और जूनियर हाई स्कूल संचालित किए जाते हैं।
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जानें क्या कहता है नियम
निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिनियम में एक स्पष्ट प्रावधान है जो मान्यता प्राप्त किए बिना स्कूलों (schools running without recognition) की स्थापना या संचालन पर रोक लगाता है। शिक्षा निदेशक (बेसिक) महेंद्र देव ने इस संबंध में सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर अभियान चलाने के निर्देश दिये हैं। पत्र में कहा गया है कि जो कोई भी आवश्यक मान्यता प्रमाण पत्र के बिना स्कूल स्थापित या संचालित करेगा या मान्यता रद्द होने के बाद भी स्कूल का संचालन जारी रखेगा, उसे नियमों के अनुसार सख्त परिणाम भुगतने होंगे।
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