जन औषधि केंद्र में दवाओं का टोटा, डॉक्टर परेशान, मरीज बेहाल

बहराइच– जिला अस्पताल में मरीजों की दुर्दशा है। जनऔषधि केंद्र में दवाइयों का स्टाक खत्म हो गया है। लेकिन अब तक नई खेप नहीं आ सकी है। जिसके चलते अस्पताल के मरीज डॉक्टर का पर्चा लेकर भटक रहे हैं। 

सर्दी, जुकाम और बुखार तक की दवाइयां जनऔषधि केंद्र पर नहीं मिल पा रही हैं। सिर्फ 20 प्रकार की दवाएं बची हैं। जबकि 650 प्रकार की दवाइयां होनी चाहिए। अस्पताल में मरीज को पर्चा लिखने वाले डाक्टर भी पशोपेश में हैं कि दवाइयां कौन सी लिखें जो मरीजों को आसानी से अस्पताल में ही मुहैया हो सकें।

जिला अस्पताल में प्रतिदिन औसतन 2700 से तीन हजार मरीज भर्ती हो रहे हैं। बहराइच जिला अस्पताल में जिले के अलावा नेपाल, बलरामपुर, श्रावस्ती, गोंडा व अन्य स्थानों के मरीज भी भर्ती होते हैं। जिला अस्पताल को मंडल के आदर्श अस्पताल का दर्जा मिला हुआ है। लेकिन हालात यह हैं कि व्यवस्था दिन ब दिन बदतर होती जा रही है। जिला अस्पताल के जन औषधि केंद्र पर सरकार की ओर से सस्ती दवाएं रोगियों को उपलब्ध कराने का दावा सरकार की ओर से किया जा रहा है। लेकिन यह दावा खोखला साबित हो रहा है। जन औषधि केंद्र पर मंगलवार को दवाओं का स्टॉक लगभग खत्म हो गया है।

पुराने स्टॉक की 20 प्रकार की दवाएं मामूली मात्रा में बची हैं। इसके चलते अस्पताल के डॉक्टरों का पर्चा लेकर पहुंचने वाले मरीज जन औषधि केंद्र से बैरंग लौटने को मजबूर हैं। अब तक अस्पताल प्रशासन की ओर से भी इस मामले में समुचित कदम नहीं उठाए गए हैं। वहीं डॉक्टर भी परेशान हैं। औषधि केंद्र पर दवा न मिलने पर मरीज चिकित्सक के पास पहुंचकर दवा न होने की बात कहते हैं। इस कारण दवा लिखने में चिकित्सक भी झिझक रहे हैं।

(रिपोर्ट- अनुराग पाठक, बहराइच ) 

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