लखनऊ–प्रदेश की महिला कल्याण मंत्री प्रो0 रीता बहुगुणा जोशी ने कहा है कि एसिड पीड़िताओं की आत्मनिर्भरता के लिए लखनऊ में चल रहा शीरोज हैंग आउट कैफे बंद नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि सरकार सिर्फ एसिड पीड़िताओं के लिए ही नहीं अपितु सभी पीड़ितों के हितों लिए प्रतिबद्ध है।
महिला कल्याण मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने बुधवार को विधान भवन स्थित अपने कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि शीरोज हैंगआाउट कैफे बंद नहीं किया जाएगा। सरकार सिर्फ एसिड पीड़िताओं के लिए नहीं सभी पीड़िताओं के हितों के लिए प्रतिबद्ध है। हालांकि उसका नाम शीरोज नहीं होगा। इस हैंगआउट को लेकर बीते कुछ दिनों से लगातार चल रहे विवाद पर प्रो़ जोशी ने कहा कि यह केवल राजनीति है। एसिड पीड़िताओं से बात करके मामले का हल निकालने के आदेश विभाग को दिए गए हैं। लोटस हॉस्पिटैलिटी के साथ हुए अनुबंध को पहले ही निरस्त किया जा चुका है।
मंत्री ने बताया कि शीरोज को चलाने के लिए छांव फाउंडेशन से दो साल का अनुबंध किया गया था। इसके तहत एलडीए ने महिला कल्याण निगम को यह कैंटीन दो साल की लीज पर आवंटित की थी। इसका खर्च रानी लक्ष्मीबाई महिला एवं बाल सम्मान कोष से वहन किया जाना था, जिसका समय मार्च 2018 में पूरा हो चुका है। लीज आगे न बढ़ाने पर छांव फाउंडेशन विभाग के खिलाफ हाई कोर्ट गया था। कोर्ट के आदेशानुसार छांव फाउंडेशन को कैफे का चार्ज 22 अक्टूबर तक महिला कल्याण निगम को देना है हालांकि अब तक कोर्ट के आदेश की कॉपी नहीं मिली है।
पढ़ें:- बंद होने की कगार पर एसिड अटैक पीड़ितों का ‘शीरोज हैंगआउट कैफे’
मंत्री ने जानकारी दी कि यहां काम कर रहीं 12 एसिड अटैक सर्वाइवर्स पहले से ही महिला कल्याण निगम के एकल श्रमजीवी महिला छात्रावास, अलीगंज, लखनऊ में रह रही हैं। वह पहले की तरह अब भी यहीं रहेंगी। इन्हें रोजगारपरक प्रशिक्षण दिलाया जाएगा।