एटा– योगी की प्रदेश सरकार लोगों को बेहतर चिकित्सीय सुविधायें उपलब्ध कराने के लाख प्रयास कर रही हो; लेकिन स्वास्थ सेवायें मानों पूरी तरह बेपटरी हो गई हो। ताजा मामला एटा में देखने को मिला जहॉं जिला अस्पताल में दवाओं की कमी है।
महीनों से एंटी रेबीज इंजेक्शन ना होने से यहॉं आने वाले मरीजों को दवायें नहीं मिल पा रही है और जिला अस्पताल के डॉक्टर अपने मोटे कमीशन की खातिर दवाओं का टोटा बताकर मरीजों को बाहर से दवायें लिख रहे है। बेचारे गरीब मरीज प्राइवेट मेडीकलों से दवा खरीदने को मजबूर है। जबकि सीएमएस साहब जैसे इन सब से बेखबर हो..?
मजबूरन मरीजों को जिला अस्पताल के बाहर मेडिकल स्टोरों से मंहगी दवायें खरीदने को विवश है। महीनों से एंटी रैबीज इंजेक्शन न होने से मरीजों को इंजेक्शन बाहर से लेने के चलते अपनी जेबें कटवानी पड़ रही है। जिला अस्पताल में दवाओं की कमी पर मरीजों ने योगी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और सब पीड़ित तीमारदार सीएमएस साहब से मिलकर शिकायत करने आये लेकिन सीएमएस साहब ही अपने ऑफिश से ही गायब दिखे।
वही जनपद एटा में स्वास्थ्य अधिकारी योगी के इस स्वास्थ्य मिशन को चूना लगा रहे है। उसके बाद जब सीएमएस एस के मजूमदार से पूछा गया तो उन्होंने ऐसे कहा जैसे उनकी कुछ जानकारी में ही नही है । वहीं मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने एंटी रैबीज इंजेक्शनों न होने की बात को स्वीकार किया है। लेकिन मरीजों को बाहर से दवायें खरीदने पर सफाई देते नजर आये कि मरीजों को बाहर से दवायें नहीं लिखी जा रही है और यदि ऐसा है तो वो दोषियों के खिलाफ कार्यवाई की बात कह रहे है।
(रिपोर्ट – आर. बी. द्विवेदी , एटा )